मौके पर ही सीएमएचओ ने किया समस्याओं का निराकरण, शेष समस्याओं को लेकर एक हफ्ते में निराकरण का दिया आश्वासनशिवपुरी- मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले स्वास्थ्य कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सीएमएचओ डॉ.संजय ऋषिश्वर को बुधवार को सीएमएचओ कार्यालय पहुंचकर सौंपा गया। इस ज्ञापन को लेनेे के साथ ही मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में सीएमएचओ ने मौके पर ही अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का मौके पर ही निराकरण किया तो वहीं शेष विभागीय समस्याओं को लेकर एक हफ्ते में समस्या निराकरण करने का आश्वासन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ को दिया। मप्र स्वास्थ्य कर्मचारियों की इन समस्याओं को लेकर संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज भार्गव के द्वारा मौके पर ही समस्या निराकरण को लेकर आभार प्रकट किया गया। इस अवसर पर ज्ञापन सौंपने वालों में मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के संरक्षक प्रमोद कटारे, जिला सचिव आमिर खान, कमलेश दुबे, मीना शाक्य, द्रोपती शर्मा, दीप्ति तोमर, श्रीमती अल्का श्रीवास्तव, सरोज लांबा, शीला जाटव एएनएम, विजय भार्गव ऐजवारा वाले, शकीला काजी, बृजेन्द्र परिहार, विनोद कांटे, विजय अरोरा, पूनम शाक्य, ममता बरौलिया आदि शामिल रहे।
यह है प्रमुख समस्याऐं
मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के द्वारा लंबित समस्याओं को संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया उसमें प्रमुख रूप से कर्मचारियों को समयमान वेतनमान सेवा अवधि 10 वर्ष, 20 वर्ष, 30 वर्ष एवं 35 वर्ष में लगना चाहिए वह समय पर नहीं लग रहा, जिससे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है, सभी कर्मचारियों की अर्जित अवकाश स्वीकृत मेमो समय सीमा में प्राप्त कराए जावे जिससे उनका वेतन आहरण में परेशानी ना आवे, अधिकांश कर्मचारियों को दो माह अप्रैल-मई 2025 का वेतन आज दिनांक तक नहीं मिला है, इस समस्या का निराकरण शीघ्र किया जावे, कर्मचारियों की अनमोल ऐप के कारण 03 दिन का वेतन काटा गया है, इसके उपरांत मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी के अनुमोदन के बाद वेतन आहरित नहीं किया गया है जिसका निराकरण किया जावे, कर्मचारियों का उप स्वास्थ्य केन्द्र पर 55 वर्ष से अधिक आयु की एएनएम है उनका कार्य ऑपरेटरों के माध्यम से कराया जावे, किसी कारण वश यदि अनमोल एप कर्मचारियों की भूलवश या नेटवर्क के कारण उपस्थिति नहीं लगा पा रहे है तो उन्हें आर्थिक नुकसान ना किया जावे साथ ही परामर्शदात्री समिति की बैठक शीघ्र कराई जावे जिससे कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो सके, इसके अलावा फील्ड में जो कर्मचारी कार्यरत है उन्हें तत्काल निलंबन करने की बजाए उनका पक्ष सुनने के बाद आगामी कार्यवाही की जावे।
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