एकल अभियान एवं श्रीहरि कथा सत्संग के तत्वाधान में आयोजित श्रीराम कथा में भावविभोर हुए श्रद्धालुशिवपुरी- भगवान को प्राप्त करने के लिए किसी तरह के आडम्बरों की नहीं बल्कि स्वच्छ मन की जरूरत है, प्रतिदिन ब्रह्ममूहूर्त में उठकर स्नानादि करके प्रभु भजन करें और तत्पश्चात अपने नित्य दैनिक कार्यो को करें, लेकिन व्यापार, कारोबार, दुकान अथवा ऑफिस में जाकर अपने कर्तव्य का जिस प्रकार से निर्वाहन किया जाए उसी प्रकार से भगवान प्राप्त को प्राप्त करने के लिए स्वच्छत से भी भक्ति की जाए, भगवान के प्रति आश्रित होकर भजन, पूजा-पाठ, मंत्र जाप, दैनिक संध्या के समय प्रभु भक्ति यह सभी प्रक्रियाऐं ईश्वर मार्ग को प्रशस्त करती है, भगवान श्रीराम के आदर्शों को भी अपने जीवन में उताकर मानव प्राणी अपने जीवन कल्याण कर सकता है इसलिए श्रीराम कथा का श्रवण करते समय कथा के सार को अपने जीवन में जरूर उतारे। भगवान श्रीराम के आदर्शों को अपनाने का यह मार्ग प्रशस्त किया वनवासी कथाकार सुश्री संगीता किशोरी जी ने स्थानीय जल मंदिर मैरिज हाउस में एकल अभियान एवं श्री हरि कथा समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित श्रीराम कथा के समापन अवसर पर कथा का श्रवण करा रही थी।
इस दौरान कथा में समस्त श्रद्धालुजन भावविभोर होते हुए नजर आए जब भगवान श्रीराम के विवाह पश्चात वन गमन, सीता हरण जैसे प्रमुख संवादों का कथा में उल्लेख किया तो श्रद्धालुओं के आंखों से भी अश्रुधरा बहने लगी। कथा समापन के दौरान भगवान के विभिन्न प्रसंगों पर श्रीराम- जय राम-जय-जय राम के जयघोष कथा प्रांण में गुंजायमान रहे। कथा में विशेष रूप से देवेन्द्र मजेजी, मथुराप्रसाद गुप्ता, सुनील उपाध्याय, राजेश गोयल रजत, मनीष जैन, विष्णु मंगल, जल मंदिर गार्डन संचालक सौरभ अग्रवाल लकी, आनंद अग्रवाल का विशेष सहयोग कथा में प्राप्त हुआ। कथा में बड़ी संख्या में महिला-पुरूष सहित बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लेकर भगवान श्रीराम के आदर्शों को व्यासपीठ से श्रवण किया।
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