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Tuesday, July 30, 2019

मानव अस्तित्व के लिए जरुरी हैं जंगल और जानवरों का संरक्षण: अखलाक खान

बाघ संरक्षण व पर्यावरण को समर्पित सेमीनार का रेडिऐन्ट में हुआ आयोजनशिवपुरी-शुद्ध पर्यावरण के लिये जंगल के साथ जानवरों की प्रजातियों की उपस्थितिभी आवश्यक है और इन दोनों घटकों से ही मानव का अस्तित्व भी जुड़ा हुआ है। उक्त उद्गार रेडिऐन्ट गु्रप द्वारा आयोजित पर्यावरण संरक्षण एवं बाघ दिवस के अवसर पर आयोजित सेमीनार में बोलते हुए अखलाक खान ने व्यक्त किए। श्री खान कहा कि विकास की अंधी दौड़ और बाजारवबाद की बजह से हम जंगलों का दोहन कर रहे है जिससे पर्यावरण दूषित हो रहा है व जानवरों के आवास नष्ट हो रहें हैं। हमें ऐंसे विकास के मॉडल अपनाने की जरुरत है जिसमें जल, जंगल, जानवर, जमीन सब सुरक्षित रहेें तभी मानव अस्तित्व भी सुरक्षित रह सकेगा।  
प्राचार्य डा. खुशी खान ने कहा कि भारत में बाघों के संरक्षण को लेकर सराहनीय कार्य हुआ है इसके लिए प्रत्येक भारतवासी बधाई का पात्र है। हमें बृक्षारोपण कर उनकी देखरेख करना चाहिए तथा विभिन्न जैविक प्रजातियों की उपयोगिता को समझते हुए उनका संरक्षण व सम्वद्र्धन करना चाहिए। रेडिऐन्ट के संचालक शाहिद खान ने बाघ संरक्षण में मध्यप्रदेश में वन अमले के प्रयासों की प्रशंषा की। आपने शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में भी बाघों के बसाने की बात रखी। कार्यक्रम में पूनम गुप्ता, गौरव अग्रवाल, कृष्णमुरारी शर्मा, बलराम शर्मा, सुरेश श्रीवास्तव, दीप्ती कटारे, सलोनी झा, महेन्द्र शर्मा, वेदप्रकाश यादव, रोहित शर्मा, मनीष धाकड़, नरेश गोलिया, हरेन्द्र अहिरवार, जीवन ओझाा ने भी अपने विचार रखे व एक स्वर में शपथ ली कि वह बाघ संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास करते रहेंगें।

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