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Monday, September 23, 2019

बारिश से उड़द, मूंग, सोयाबीन और तिली की फसल खराब, फलियों होने लगीं अंकुरित

सर्वे के लिए खेतों की मेड़ पर नहीं पहुुंचे अधिकारी और जिमेदारशिवपुरी-दिनारा क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से उड़द, मूंग और तिली की फसलों को नुकसान हुआ है। बारिश के पानी से भरे खेतों में फसल सडऩे लगी है। इसके साथ ही उडद और मूंग के पेड़ों में पकी फलियों में से नए पौधों का उगना शुरू हो गया है। फ सलों के यह हालात देख किसानों की चिंता बढ़ गई है। अभी तक न तो क्षेत्रीय कृषि विभाग के अधिकारी आए है न ही राजस्व विभाग के अधिकारी आये और न ही जिला प्रशासन की ओर से उसके उपाय करने के कोई संकेत दिए गए है।
करैरा तहसील में खरीफ  फ सल लगभग 50333 हैक्टयर में बोया गया था। जिसमें उड़द 15292 हैक्टयर  में बोया था और मूंग लगभग 228 हेक्टयर में बोई थी और तिली 25161 हेक्टयर में बोई थी इस बार पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा फ सल बुआई में बढ़ोत्तरी की गई थी। किसानों द्वारा महंगे दामों में उड़द, मूंग और तिली के साथ अन्य फसलों को बीजों को खरीदकर बोया था। फ सल को रोगों से बचाने के लिए लगभग  करोड रुपये का खाद और कीटनाशक दवाओं का छिडकाव किया गया था। इस वर्ष की फ सलों को बीमारियों से दूर रखा गया था। लेकिन अचानक मौसम खराब होने के कारण आश्विन(क्वार)माह की झमाझम बारिश से फसलों के खेत लबालव भर गए। जिसके कारण उड़दए मूंग और तिली, सोयाबीन की 100 प्रतिशत फ सलें खराब हो गईं हैं अधिक बारिश के कारण अन्य फसलों को भी नुकशान हैं। वहीं क्षेत्रीय किसानों में आक्रोश है किसानों ने कहा है कि यदि जल्दी से क्षेत्र में में फसलों के नुकसान का सर्वे नहीं हुआ तो हम किसान नेता सतीश फ ौजी के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी संपूर्ण शासन प्रशासन की होगी। खेतों में खड़ी फसल खराब हो रही है। खराब फ सल की जानकारी देने के बाद भी कोई भी कृषि विभाग का या राजस्व विभाग के अधिकारी खेतों पर नहीं पहुंचे। जिसको लेकर किसानों ने कृषि विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जताई है। इन दोनों विभाग की लापरवाही से परेशान किसान हैं।
क्या कहते हैं किसान-
बैसोरा गांव से किसान कालूराम झाँ ने बताया कि जब खेतों में पानी नहीं भरा था। उस समय उड़दए मूंग और तिली की फसल अच्छी लहरा रही थी।और हमें आशा थी कि इस वर्ष हमारी फसल बहुत अच्छी होगी लेकिन बारिश हो जाने के कारण यह सब एक सपने जैसा हो गया हम इस समय बर्बादी की कगार पर हैं हमें गेहूं की फसल बोने के लिए भी अब पैसे नहीं बचे हैं।

किसान नेता सतीश फौजी ने कहा कि उड़द,मूंग,तीली और सोयाबीन की 100 प्रतिशत फसलें खराब हो चुकी है यदि किसानों को राहत राशि नहीं दी गई तो हमें क्षेत्रीय किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करना पड़ेगा।

किसान लक्ष्मण जोशी ने बताया कि बारिश के चलते उड़दए मूंग, सोयाबीन और तिली की फसल काली पड़ गईहै। खरीफ  की फ सल में लगाए गए लाखों रुपए बर्बाद हो गए है। खराब फसल का सर्वे कराने के साथ मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।

अलगी गांव के किसानों ने बताया कि आश्विन(क्वार)के माह की बारिश से  खेत लबालव भर गए है। उनमें खड़ी फसल की फलियां गलकर गई है। इसके साथ ही फसलों की फलियों में नए पौधे भी उग आए है। जिसके कारण वह फसलें खराब हो गई है।

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