शिवपुरी- पुरातन परंपरा के रूप में श्रीराम अखाड़ा रानीपु
रा सागर निवासी पहलवान दुलारे उस्ताद द्वारा प्रतिवर्ष महालक्ष्मी पर्व के अवसर पर कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस बार इस आयोजन में पहली बार सागर जिले की बेटियों ने भी भाग लिया और अपना दम दिखाया जिसमें वैष्णवी और अनुराधा में हुआ मुकाबला बराबर पर छूटा जबकि सागर की पूनम ने अंचल का नाम रोशन करते हुए विदिशा की मंदाकिनी को हराकर प्रतियोगिता में पहली विजयी बेटी होने का गौरव हासिल किया। इसके अलावा राजमणि परमा मालथौन ने अंजली को जबकि हर्षिता सोनी सागर ने आकांक्षा भदौरिया को पराजित किया। इस दौरान रानीपुरा में महिला पहलवानों के दांव-पेंंच देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कुश्ती प्रतियोगिता के संरक्षक दुलारे उस्ताद ने अतिथिद्वयों में शामिल सर्वप्रथम मॉ बीजासेन उपासक देवी मुन्नीबाई के चरणो में नमन किया तत्पश्चात त्यागी महाराज अयोध्या, रंछोरदास महाराज, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, हरिनारायण यादव, राजेन्द्र यादव, आनन्द पहलवान अध्यक्ष कुश्ती संघ सागर, अखिल भारतीय ग्वाल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल ग्वाल, प्रधान महासचिव सुन्दर ग्वाला, राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष यश ग्वाल, उप्र प्रदेशाध्यक्ष सूरज ग्वाल का माल्यार्पण एवं साफा पहनाकर स्वागत किया। यहां कुश्ती पहलवानों के लिए निर्णायक मण्डल में लल्लू पंडित, पुरूषोत्तम पहलवान, मनोहर पहलवान, डब्बू पहलवान शामिल रहे। प्रतियोगिता में कुल 55 मुकाबले हुए जिसमें विजयी और उपविजेता प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं लंगोंट व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में दूर-दराज से पहलवानों एवं स्थानीय लोगों ने भागीदारी की और कुश्ती के दांव-पेंच देखते हुए पहलवानों का उत्साह तालियों की गड़गड़ाहट से बढ़ाया। इस आयोजन के आयोजनकर्ता दुलारे उस्तादे के कार्यों को भी सराहा जिन्होंने लगातार 40वें वर्ष कुश्ती दंगल प्रतियोगिता का आयोजन कर कुश्ती पहलवानों को प्रोत्साहित करने का अनुकरणीय कार्य किया।
रा सागर निवासी पहलवान दुलारे उस्ताद द्वारा प्रतिवर्ष महालक्ष्मी पर्व के अवसर पर कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। इस बार इस आयोजन में पहली बार सागर जिले की बेटियों ने भी भाग लिया और अपना दम दिखाया जिसमें वैष्णवी और अनुराधा में हुआ मुकाबला बराबर पर छूटा जबकि सागर की पूनम ने अंचल का नाम रोशन करते हुए विदिशा की मंदाकिनी को हराकर प्रतियोगिता में पहली विजयी बेटी होने का गौरव हासिल किया। इसके अलावा राजमणि परमा मालथौन ने अंजली को जबकि हर्षिता सोनी सागर ने आकांक्षा भदौरिया को पराजित किया। इस दौरान रानीपुरा में महिला पहलवानों के दांव-पेंंच देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से कुश्ती प्रतियोगिता के संरक्षक दुलारे उस्ताद ने अतिथिद्वयों में शामिल सर्वप्रथम मॉ बीजासेन उपासक देवी मुन्नीबाई के चरणो में नमन किया तत्पश्चात त्यागी महाराज अयोध्या, रंछोरदास महाराज, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, हरिनारायण यादव, राजेन्द्र यादव, आनन्द पहलवान अध्यक्ष कुश्ती संघ सागर, अखिल भारतीय ग्वाल महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल ग्वाल, प्रधान महासचिव सुन्दर ग्वाला, राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष यश ग्वाल, उप्र प्रदेशाध्यक्ष सूरज ग्वाल का माल्यार्पण एवं साफा पहनाकर स्वागत किया। यहां कुश्ती पहलवानों के लिए निर्णायक मण्डल में लल्लू पंडित, पुरूषोत्तम पहलवान, मनोहर पहलवान, डब्बू पहलवान शामिल रहे। प्रतियोगिता में कुल 55 मुकाबले हुए जिसमें विजयी और उपविजेता प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं लंगोंट व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में दूर-दराज से पहलवानों एवं स्थानीय लोगों ने भागीदारी की और कुश्ती के दांव-पेंच देखते हुए पहलवानों का उत्साह तालियों की गड़गड़ाहट से बढ़ाया। इस आयोजन के आयोजनकर्ता दुलारे उस्तादे के कार्यों को भी सराहा जिन्होंने लगातार 40वें वर्ष कुश्ती दंगल प्रतियोगिता का आयोजन कर कुश्ती पहलवानों को प्रोत्साहित करने का अनुकरणीय कार्य किया।
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