शिवपुरी-अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला खेल परिसर शिवपुरी में आज जिला खेल विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सामूहिक ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में अधिकारियों, कर्मचारियों, खिलाडयि़ों एवं नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम के दौरान जिला खेल अधिकारी डॉ. के.के. खरे ने बताया कि आज विश्व के विभिन्न देशों से लाखों लोग एक ही समय पर 20 मिनट के सामूहिक ध्यान सत्र में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सभी हृदय समान उद्देश्य से एक भाव में जुड़ते हैं, तो विश्व में शांति, एकता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। डॉ. खरे ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया है और इस ऐतिहासिक पहल में भारत को वैश्विक भागीदार के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दिवस संक्रांति का प्रतीक है जो अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा और प्रकृति में बदलाव एवं नवीकरण का संदेश देता है।इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों ने भी ध्यान साधना के माध्यम से मानसिक संतुलन, एकाग्रता और पर्यावरणीय समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से ध्यान किया और विश्व शांति की कामना की।
शिवपुरी-अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला खेल परिसर शिवपुरी में आज जिला खेल विभाग एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सामूहिक ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। इस आयोजन में अधिकारियों, कर्मचारियों, खिलाडयि़ों एवं नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।कार्यक्रम के दौरान जिला खेल अधिकारी डॉ. के.के. खरे ने बताया कि आज विश्व के विभिन्न देशों से लाखों लोग एक ही समय पर 20 मिनट के सामूहिक ध्यान सत्र में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब सभी हृदय समान उद्देश्य से एक भाव में जुड़ते हैं, तो विश्व में शांति, एकता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार होता है। डॉ. खरे ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 21 दिसम्बर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया है और इस ऐतिहासिक पहल में भारत को वैश्विक भागीदार के रूप में सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दिवस संक्रांति का प्रतीक है जो अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा और प्रकृति में बदलाव एवं नवीकरण का संदेश देता है।इस अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों ने भी ध्यान साधना के माध्यम से मानसिक संतुलन, एकाग्रता और पर्यावरणीय समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से ध्यान किया और विश्व शांति की कामना की।

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