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Friday, December 6, 2019

यातायात प्रभारी रणवीर यादव ने बसों पर की कार्यवाही

रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव की बस भी आई जद में, बारात के परमिट पर सवारियां ढो रही थी बस!
शिवपुरी-आखिरकार सुभाषपुरा में थाना प्रभारी से बस में पुलिसकर्मियों को बिठाने को लेकर वायरल हुए वीडियो की चपेट में आए रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव की संचालित बसों पर यातायात विभाग की नजर पड़ी और रिटायर्ड दरोगा की बस पर चालानी कार्यवाही को यातायात प्रभारी रणवीर यादव ने ही अंजाम दिया। बता दें कि एक दिन पूर्व रिटायर्ड दरोगा का वीडियों हुआ था जिसमें वह अपना पुलिसिया रौब थाना प्रभारी सुभाषपुरा पर झाड़ रहे थे। इसी दौरान पोहरी चौराहे से यातायात विभाग द्वारा की गई औचक वाहन चैकिंग अभियान में नॉन स्टॉप एसी बस एम पी 33 सी 0670 जो कि रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव की थी उसे कार्यवाही की जद में लिया और सूबेदार रणवीर यादव ने आज बसों पर कार्यवाही में इस बस को भी कार्यवाही की जद में ले लिया। यह कार्यवाही पोहरी चौराहे से गुना जाने वाली बस को बिना परमिट के पकडा गया। पकडी गई बस का संचालन रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव के द्वारा किया जा रहा था। वहीं बस संचालक का कहना है बस का संचालन रिटायर्ड दरोगा रणवीर यादव के द्वारा किया जा रहा था। वहीं बस संचालक का कहना है कि गाड़ी के कागज पूरे है। वहीं सूत्रों की माने तो तीन दिनों के लिए शादी के परमिट पर सवारियों का संचालन किया जा रहा था जिसके चलते यह कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। इस कार्यवाही के बाद पुलिस का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। 
शादी के लिए बुकिंग और ढो रहे सवारियां 
सूत्र बताते है कि रिटायर्ड दरोगा की एमपी 33 पी 0670 जो कि शादी विवाह के नाम पर तीन दिनों के लिए परमिट लिया गया था और यह परमिट 6-8 दिसम्बर तक दिया गया था लेकिन यहां दरोगा ने अपने पुलिसिया रौब के चलते विवाह समारोह के बजाए इसे नियमित रूट पर चलाया और सवारियां ढोकर रूपया कमाया। सूत्र बताते है कि यदि नियमों के अनुसार इस मामले में कार्यवाही की जाए तो यह गैर कानूनी अपराध है जिसमें परमिट विवाह बारात के लिए गया लेकिन उसे उपयोग सवारियों के लिए किया गया जो कि अपराध की श्रेणी में आता है। हालांकि अब यह मामला पुलिस के लिए जांच का विषय है और वह वाहन के संबंधित कागजात तलाश कर आगामी कार्यवाही को अंजाम देगी। 
एडीजी के आदेश पर रोकी थी और जाना था पुलिसकर्मी को
बताना होगा कि सुभाषपुरा में एडीजी राजबाबू सिंह ने ही शिवपुरी प्रवास के दौरान न्यायालय के काम से तामील लेकर जाने वाले पुलिसकर्मियों के लिए किसी भी बस में जाने की छूट दी थी और निर्देशित किया था कि यदि कोई बस चालक ना बिठाए तो उसे रोको और आगे ना जाने दो साथ ही बस के कागजातों की जांच भी की जाए। बस इसी आदेश के हवाले सुभाषपुरा पुलिस थाने का एक कर्मचारी रिटायर्ड दरोगा की बस में बैठ गया जो उसे नगवार गुजरा और उसने एडीजी के आदेश की बात को भी अनसुना कर किसी भी पुलिसकर्मी को बस में ना बिठाने की बात कही जिस पर वह रौब भी झाड़ते हुए नजर आए और आखिरकार पुलिस से बैर उन्हें भारी पड़ा और उनकी एक बस को चैकिंग के रूप में पकड़कर जब्ती में लिया गया। 

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