जैन साध्वियों ने किया शिवपुरी में प्रवेशशिवपुरी। आप यदि समय का सदपयोग नहीं करोगे तो समय आपका दुरूपयोग करना प्रारंभ कर देगा। नववर्ष में हम संकल्प लें कि हम अपने समय का सदपयोग कर उसके दुरूपयोग से बचेगें। उक्त बात आज साध्वी पुनीत कलाश्री महाराज साहब जी ने स्थानीय श्री पाश्र्वनाथ जैन मंदिर दुर्गा टॉकीज के सामने स्थित उपासरे में कही। वे अपने बिहार के दौरान आज शिवपुरी पधारी थी। उनके साथ साध्वी श्री डॉण् भव्यानंद श्रीजी महाराज साहब जी सहित 6 ठाणा साध्वियों ने नगर प्रवेश किया।
परम्प पूज्य आध्यात्म रत्न मुनीराज श्री पाश्र्वयश चन्द्र विजय जी महाराज साहब एवं पपूसाध्वी ऊँकार श्रीजी महाराज साहब की सुशिष्या पपू साध्वी श्री पुनीतकला श्रीजी मसा ज्ञानभारती साध्वी डॉ.भव्यानंद श्रीजी मसा ज्ञान ज्योति साध्वी डॉ. संयमरसा श्रीजी मसा, सोम्य स्वभावी साध्वी शासनरसा श्रीजी मसा, सेवाभाविनी साध्वी नमनकला श्रीजी मसा, ज्ञान सुधा साध्वी डॉ.सिद्धान्तरसा श्रीजी मसा,ज्ञान निधि साध्वी डॉ. सम्मेदरसा श्रीजी मसा उक्त सभी साध्वीगण आज बिहार करते हुये शिवपुरी पधारे। उपासरे में आयोजित धर्मसभा में साध्वी पुनीत कलाश्री जी महाराज साहब ने कहा कि जब-जब जिसने लक्ष्मी का सदपयोग किया है तब.तब उसके लक्ष्मी बडी है। ऐसे ही हमें समय का भी सदपयोग करना चाहिए और अपने समय को बलवान बनाना चाहिए। इस अवसर पर जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष तेजमल सांखला द्वारा सभी साध्वीगण की बंदना उनके निवास स्थल पर की
परम्प पूज्य आध्यात्म रत्न मुनीराज श्री पाश्र्वयश चन्द्र विजय जी महाराज साहब एवं पपूसाध्वी ऊँकार श्रीजी महाराज साहब की सुशिष्या पपू साध्वी श्री पुनीतकला श्रीजी मसा ज्ञानभारती साध्वी डॉ.भव्यानंद श्रीजी मसा ज्ञान ज्योति साध्वी डॉ. संयमरसा श्रीजी मसा, सोम्य स्वभावी साध्वी शासनरसा श्रीजी मसा, सेवाभाविनी साध्वी नमनकला श्रीजी मसा, ज्ञान सुधा साध्वी डॉ.सिद्धान्तरसा श्रीजी मसा,ज्ञान निधि साध्वी डॉ. सम्मेदरसा श्रीजी मसा उक्त सभी साध्वीगण आज बिहार करते हुये शिवपुरी पधारे। उपासरे में आयोजित धर्मसभा में साध्वी पुनीत कलाश्री जी महाराज साहब ने कहा कि जब-जब जिसने लक्ष्मी का सदपयोग किया है तब.तब उसके लक्ष्मी बडी है। ऐसे ही हमें समय का भी सदपयोग करना चाहिए और अपने समय को बलवान बनाना चाहिए। इस अवसर पर जैन श्वेताम्बर मूर्ति पूजक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष तेजमल सांखला द्वारा सभी साध्वीगण की बंदना उनके निवास स्थल पर की

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