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Friday, May 8, 2020

लॉकडाउन के नियम पालन कराने की भेंट चढ़े आबकारी उपनिरीक्षक खानबिलकर


जिला आबकारी अधिकारी ने कहा  राजस्व कार्य में कमी पाए जाने पर किए गए निलंबित

शिवपुरी। लॉकडाउन के लगभग 45 दिन बाद जैसे-तैसे जिले में शराब की दुकाने खुली हैं। इस वार जिले का ठेका चैंज हुआ है और मप्र की प्रसिद्ध कंपनी सोमडिस्लरी ने कमान संभालने से पहले ही अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए गए है जिसमें दुकान खोलने में लॉकडाउन का पालन कर रहे आबकारी उपनिरीक्षक अनिरूद्ध खानबिलकर को महंगा पड़ गया और इस रूकावट में उन्हें राजस्व कार्य में कमी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से जिला आबकारी अधिकारी द्वारा दिए गए प्रतिवेदन पर सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा निलंबित कर दिया गया। हालांकि यह मामला विभागीय है लेकिन कार्यवाही होने को लेकर तमाम तरह की चर्चाऐं सोशल मीडिया और आमजन सहित आबकारी विभाग में हो रही है कि इस तरह लॉकडाउन में एक ओर जहां बाहरी व्यक्तियों के आने पर प्रतिबंध है तो वहीं दूसरी ओर आबकारी उपनिरीक्षक खानबिलकर ने पिछोर और कोलारस वृत्त की कमान संभालते हुए यहां शराब दुकान खोलने से तो मनाही नहीं की हां, उन्होनें कोरोना को लेकर जांच कराने का सर्टिफिकेट जरूर मांग लिया था ताकि जो भी दुकान पर बैठे वह किसी रेड जोन का व्यक्ति ना होकर जांच कराते हुए आया हो लेकिन जो शराब ठेकेदार है उसमें अधिकांशत: रेड जोन के लोगों को भी शराब दुकानों पर बैठाने की तैयारियां की गई है जिसे लेकर आबकारी उपनिरीक्षक ने आपत्ति दर्ज कराई लेकिन बजाए इनाम के उन्हें उल्टा निलंबित कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार आज से जिले में नए ठेकेदार सोम डिस्लेरी को अपनी दुकानें प्रारंभ करने के आदेश मिले हैं। जिसके चलते आज पूरे जिले में दुकानें प्रारंभ करने की तैयारी में सोम डिस्लैरी गु्रप जुटा हुआ है। चूंकि पिछोर और कोलारस में टोटल 42 दुकानें हैं 17 कोलारस और 25 पिछोर में हैं। सोम डिस्लरी ने इन दुकानो के चार्ज के लिए इस कंपनी ने सात लोगो को पावर आफ  अटौनी लेकर चार्ज के लिए भेजा है वताया जा रहा है कि जब इन लोगो ने फोन पर कोलारस और पिछोर की इन दुकानों को चार्ज लेने उपनिरिक्षक अनिरूद्ध खानवलकर को फोन लगाया और दुकानों की चार्ज की बात की तो उपनिरिक्षक ने कहा कि चार्ज आकर ले लो मैं पिछोर में ही हूं। लेकिन चार्ज लेने से पहले कोविड 19 के नियमों का पालन करना होगा और स्वास्थय परिक्षण की रिर्पोट के बाद ही दुकानों का चार्ज दिया जाऐगा। इस बात पर कंपनी ने अनिरूद्ध् खानवलकर के ऊपर प्रेशन बनाना शुरू कर दिया। जब ठेकेदार के आदमी नहीं माने तो भोपाल स्तर से डीओ पर प्रेशर बनवाकर डीईओ शिवुपरी से सस्पैंड करा दिया।

शिकायत का बहाना बना आबकारी उपनिरीक्षक को लिया निशाने पर

बताया जा रहा हैं कि अनिरूद्ध खानवलकर को सस्पैंड कराने के लिए पूरा ताना बाना बुना गया है। दुकानो के चार्ज न देने को लेकर एक विधिवत शिकायत कराई गई है और तत्काल सस्पैंड भी कर दिया गया। अब सीधे-सीधे कह सकते हैं कि कोविड 19 के नियमो को फॉलो करने पर एक अधिकारी को शहीद कर दिया।  देश की सरकार व प्रदेश की सरकार हर कीमत पर कोरोना के संक्रमण को रोकना चाहती हैं। प्रत्येक विभाग की कोविड 19 की रोकथाम के लिए गाईड लाईन जारी की है। इस पूरे मामले में एक सवाल बनता है कि शराब की दुकानो का चार्ज लेने पावर आफ अटौनी लेकर वाहरी व्यक्ति आए हैं तो स्वास्थ्य परिक्षण अतयंत आवश्यक है। अगर इस मामले पर गौर करें तो इन लोगों के ई पास जारी नहीं हुए हैं। अगर होते तो इनका स्वास्थ्य परिक्षण अवश्य हूुआ होता यह सभी व्यक्ति इंदौर और भोपाल के बताए जा रहे हैं जो अनाधिकृत रूप से शिवपुरी में प्रवेश किए हुए हैं। इगर इस अधिकारी ने कोविड 19 कि नियमों का पालन करने और करवाने को कहा है तो ईमानदारी पर सजा कहां का नियम है अगर इन व्यक्तियों में एक भी संक्रमित हुआ तो कुछ भी हो सकता हैं।

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