ऑनलाइन काव्य काव्य गोष्ठी करके हिंदी दिवस मनाया, रानी हिंदुस्तान की, हिंदी मेरी जानशिवपुरी-भारतीय साहित्य सृजन संस्थान शिवपुरी द्वारा हिंदी दिवस पर ऑनलाइन कवि गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें 80 रचनाकारों ने हिंदी दिवस पर विभिन्न विधाओं में अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी।
जहानाबाद बिहार के नंदन मिश्र कहते हैं हिंदी से जिंदगी में सरलता सब लाते जी, पूर्ण आत्मा सहज संस्कार लगने लगी। बरेली के उपमेंद्र सक्सेना की रचना है ठीक नहीं स्थिति हिंदी की केवल मिलती रही दिलासा, बसंत श्रीवास्तव शिवपुरी की रचना थी हिंदी का मान बढ़ाना है, घर घर अलख जगाना है, पौड़ी गढ़वाल से रोशन बलूनी की रचना देखें जन गण मन से निकला स्वर है हिंदी राष्ट्र धरोहर है। सुधा राज लिखती हैं हिंदुस्तान के दिल में रहती हूँ गर्व है मुझको मैं हिंदी हूँ ।
बासुदेव अग्रवाल नमन तिनसुकिया से प्रस्तुति देते हैं हिंदी हमारी जान है, ये देश की पहचान है। मुजफ्फरपुर से सुशीला शर्मा मधुर गीतकार ने अपनी रचना सुनाई आओ निर्मल ज्योत जलाएँ, निज भाषा की अलख जगाएँ। भोपाल से मीना जैन की रचना देश की अखंडता को दर्शाती हिंदी, भारत के सौंदर्य सुहाग की है ये बिंदी, बुलन्दशहर से यतीश अकिंचन की रचना सूर की शिरा में रसखान की गिरा में और केशव बिहारी की विहार वाटिका में कौन। निधि जैन की रचना समृद्ध वृहद हिंदी शब्दकोश, भरे लेखन में नित नया जोश।
रामपुर से राम किशोर वर्मा की रचना देखें ऐसी हिंदी सबकी प्यारी हर घर की यह फुलबारी, खटीमा उत्तराखण्ड से राम रत्न यादव की रचना हिंदी का अपमान न हो मान होना चाहिए, हिंदी हैं हम हिंदी का सम्मान होना चाहिए। सर्वेश उपाध्याय अम्बेडकरनगर से अपनी रचना प्रस्तुत कर कहते हैं सकल विश्व में बोली जाएगी, वो दिन दूर नहीं जब हिंदी, विश्व भाषा कहलाएगी। पुष्पा शर्मा ग्वालियर की रचना है शिक्षा नीति ने हिंदी की, महिमा को स्वीकाराए दसों दिशाओं में गूंज उठा हिंदी का जयकारा।
इस ऑनलाइन काव्यगोष्ठी में राजस्थान, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश के 80 वरिष्ठ और युवा कवि, कवयित्रियों ने प्रतिभागिता की और हिंदी दिवस मनाया। संस्थान अध्यक्ष द्वारा 20 रचनाकारों को हिंदी रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया और शेष सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।

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