शिवपुरी- शारदीय नवरात्रा, दशराह के बाद आने वाली शरद पूर्णिमा का उत्सव आयोजन स्थानीय मुक्तिधाम स्थित शिव योग केन्द्र परिसर में किया गया। शिव योग शिक्षा संस्थान समिति के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति की अमिट पहचान भी शरदपूर्णिमा है इस दिन धरती पर चांद उतरकर खीर को अमृत प्रदान करने का कार्य करते है इसलिए इसे शरदपूर्णिमा का दिन माना जाता है। शिव योगा शिक्षा संस्थान समिति के द्वारा भी शरदपूर्णिमा पर विशेष आयोजन जहां खीर वितरण के रूप में किया गया तो वहीं एक कटोरे में खीर रखकर पूर्णिमा की रात में अमृत का प्रसाद बांटने को लेकर रखी गई है जिस पर शरद पूर्णिमा के अगले दिन इस खीर को प्रसाद के रूप में ना केवल स्वयंसेवी संस्था शिव योगा शिक्षा संस्थान समिति बल्कि अन्य आमजन को भी यह अमृतरूपी खीर प्रसाद के रूप में वितरित की जाएगी।
शिवपुरी- शारदीय नवरात्रा, दशराह के बाद आने वाली शरद पूर्णिमा का उत्सव आयोजन स्थानीय मुक्तिधाम स्थित शिव योग केन्द्र परिसर में किया गया। शिव योग शिक्षा संस्थान समिति के अध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह सेंगर ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति की अमिट पहचान भी शरदपूर्णिमा है इस दिन धरती पर चांद उतरकर खीर को अमृत प्रदान करने का कार्य करते है इसलिए इसे शरदपूर्णिमा का दिन माना जाता है। शिव योगा शिक्षा संस्थान समिति के द्वारा भी शरदपूर्णिमा पर विशेष आयोजन जहां खीर वितरण के रूप में किया गया तो वहीं एक कटोरे में खीर रखकर पूर्णिमा की रात में अमृत का प्रसाद बांटने को लेकर रखी गई है जिस पर शरद पूर्णिमा के अगले दिन इस खीर को प्रसाद के रूप में ना केवल स्वयंसेवी संस्था शिव योगा शिक्षा संस्थान समिति बल्कि अन्य आमजन को भी यह अमृतरूपी खीर प्रसाद के रूप में वितरित की जाएगी।
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