जीवन सरोकार विहीन आरोप-प्रत्यारोप के बीच हैलीकॉप्टरों लग्जरी वाहनों की कतार कोरोना के बीच खचाखच भरे मैदानों के मंच से अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित करने वाले दल नेता सियासत को सार्वजनिक रूप से जन-जन को बताना चाहिए कि उनका सार्वजनिक जीवन स्वयं परिवार,समाज, राष्ट्र, गांव, गली, नगर की सेवा, विकास कल्याण और जीवन के मूलभूत सरोकार सुरक्षित रख संबर्धित करने में क्या योगदान रहा? हर एक वोट मांगने वाली सियासत, सत्ता, नेता, व्यक्ति के योगदान से आज जन ही नहीं आम मतदाता युवा, बुजुर्ग, माता-बहिनें सभी विदित, परिचित है। ऐसे में आमजन, मतदाता के हित की बात यह है कि वह शिक्षा, सुरक्षा, मान, सम्मान, स्वाभिमान, जीवन निर्वाह के स्वच्छंद नैसर्गिक संसाधन सहज, सुलभ, शुद्ध दूध, पेयजल, रोजगार और विरासत से प्राप्त समृद्धि,खुशहाली, गांव, गली, नगर से काफूर क्यों हुई? समृद्ध विरासत की बेरहम लूट और विनाश का जबाबदेह कौन है? क्यों एक आत्मनिर्भर, समृद्ध, खुशहाल, कर्मगार, कृषि प्रधान राज्य, नगर, गांव, गली, राष्ट्र लगभग 14 करोड़ के करीब कुपोषित, 80 करोड़ के लगभग सस्ते राशन व 50 करोड़ के करीब फ्री स्वास्थ्य सेवा और करोड़ों हाथ रोजगार के मोहताज हो लिए अगर इनके उत्तर और खुशहाल समृद्ध विरासत को सुरक्षित रखना है तो अधिक से अधिक मतदान कर एक सच्चे अच्छे जनसेवक को मतदान कर चुनें जो जन-जन के जीवन के सरोकारों की रक्षा और लोगोंं का जीवन समृद्ध खुशहाल बनाने में योगदान दे सके।
जय स्वराज
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