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Friday, July 11, 2025

शिवपुरी में अजयपाल जाट हत्या मामला, न्यायालय ने पवन उर्फ कल्ला एवं आशाराम को किया दोषमुक्त


माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता विजय तिवारी ने अभियुक्तों की ओर से की पैरवी

शिवपुरी। बहुचर्चित अजयपाल जाट हत्या मामले में न्यायालय ने अभियुक्त पवन उर्फ कल्ला यादव एवं सहअभियुक्त आशाराम को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 एवं 201 के आरोपों से दोषमुक्त कर दिया है। यह निर्णय वरिष्ठ अधिवक्ताओं विजय तिवारी एवं राजीव धनावत की ओर से प्रस्तुत तर्कों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों के आधार पर दिया गया।

प्रकरण के अनुसार, दिनांक 26 मार्च 2024 को दोपहर लगभग 12:30 बजे हाईवे फोरलेन, आवेन ब्रिज, बरखेड़ा खुर्द थाना बदरवास, जिला शिवपुरी में अजयपाल जाट की बोलेरो (क्रमांक एमपी-08/सीए-3605) को टक्कर मारकर हत्या की गई थी। अभियोजन का आरोप था कि पवन यादव ने जानबूझकर बोलेरो से टक्कर मारकर अजयपाल की हत्या की और फिर दिनांक 28 मार्च को आशाराम की मदद से हत्या के साक्ष्य मिटाने हेतु वाहन की डेंटिंग-पेंटिंग करवाई। मामले में पवन यादव, जो अस्पताल बदरवास में एम्बुलेंस चालक है, एवं मृतक अजयपाल जाट, जो गवाह रवीना के गांव का निवासी था, दोनों को घटना से जोड़ते हुए पुलिस द्वारा अभियोग दर्ज किया गया था। 

मालखाना से प्राप्त सामग्री एवं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई। हालांकि, फॉरेंसिक साक्ष्य के रूप में पेश की गई सीडी न्यायालय में रिक्त पाई गई, जिससे अभियोजन का पक्ष कमजोर हो गया। गिरफ्तारी, जप्ती और अन्य साक्ष्य प्रस्तुत किए जाने के बावजूद, न्यायालय ने उपलब्ध साक्ष्यों एवं अभियुक्तों के अधिवक्ताओं द्वारा प्रस्तुत मजबूत बचाव के आधार पर अभियुक्तगण को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। इस मामले में विशेष जानकारी के अनुसार अभियोजन पक्ष की ओर से सीडी प्रमाण रिक्त पाई गई, फॉरेंसिक रिपोर्ट से अपराध सिद्ध नहीं हो सका और अदालत ने कहा, साक्ष्य सशक्त नहीं थे, संदेह का लाभ अभियुक्तों को मिला और दो अभियुक्त पवन उर्फ कल्ला एवं आशाराम को दोष मुक्त करार दिया। इस मामले में अभियुक्तों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ताओं विजय तिवारी एवं राजीव धनावत की ओर से प्रस्तुत तर्कों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्याय दृष्टांतों के आधार पर दिया गया।

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