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Shishukunj

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Monday, October 5, 2020

सागर/ न्यायालय में फर्जी ऋण पुस्तिका लगाकर आरोपी की जमानत कराने वाले के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेष


सागर।
न्यायालय- सुश्री स्वाति बजाज, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, जिला सागर के न्यायालय ने कूटरचित ऋण पुस्तिका लगाकर जमानत कराने वाले आरोपी मनीष अहिरवार पिता नाथूराम उर्फ नरेन्द्र अहिरवार उम्र 48 वर्ष, निवासी गोपालगंज जिला सागर के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया।

सहा.जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमती अंजली नायक ने बताया कि प्रकरण क्रमांक 832/20 राज्य विरूद्ध अंकित दक्ष में जमानतदार मनीष अहिरवार के द्वारा भू-अधिकार एवं ऋण पुस्तिका क्रमांक एल बी 939636 के माध्यम से जमानत प्रस्तुत की गयी थी। न्यायालय द्वारा उक्त ऋण पुस्तिका की जांच तहसीलदार कार्यालय से कराये जाने पर उक्त ऋण पुस्तिका तहसीलदार, केसली के कार्यालय से जारी नही होने से कूटरचित पाई गयी। जमानतदार मनीष अहिरवार के द्वारा न्यायालय के साथ छल करके बेईमानीपूर्वक कूटरचित ऋण पुस्तिका को असली के रूप में उपयोग किया गया है तथा छल कारित किया है। आरोपी जमानतदार मनीष पिता नाथूराम अहिरवार का कृत्य धारा 420,467,468,471 भादवि के तहत दंडनीय अपराध है। माननीय न्यायालय द्वारा थाना गोपालगंज को निर्देशित किया कि उक्त जमानतदार मनीष अहिरवार के विरूद्ध उक्त धारा के अधीन प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध करें और न्यायालय को अवगत कराये।


कुल्हाडी द्वारा जान से मारने वाले आरोपीगण को आजीवन कारावास से किया गया दंडित

 सागर। न्यायालय- श्रीमान रधुवीर प्रसाद पटैल अपर सत्र न्यायाधीश देवरी जिला सागर के न्यायालय ने आरोपीगण परषोत्तम उर्फ गबूदे पिता रामसिंग गौड उम्र 21 वर्ष एवं बैजनाथ उर्फ गत्थू पिता शेर सिंह गौड उम्र 29 वर्ष  दोनों निवासी ग्राम पिपरिया थाना केसली तहसील देवरी जिला सागर, दोनों आरोपीगण को धारा 302 भादवि मे दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पैरवी वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी कपिल पांडे ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 08.09.2018 को सदारानी अपने लड़के के साथ खेत पर से जानवर निकाल कर घर आ रहे थे तभी रास्ते में गबूदे उर्फ परषोत्तम आदिवासी एवं गत्थू उर्फ वैजनाथ हाथ में धारदार कुल्हाड़ी लिए मिले। गबूदे,खुमान पर खेत के जानवर भगाने पर से गुस्सा करने लगा तो खुमान ने बताया कि जानवर खेत में नुकसान कर रहे थें इसलिए भगाया इसी बात से गबूदे एवं गत्थू खुमान को गालियां देने लगें। जब खुमान ने गालियां देने से मना किया तो गबूदे और गत्थू ने मिलकर  जान से मारने की नियत से कुल्हाड़ी से बार किया। खुमान के शरीर पर कई जगह गहरे घांव आए और वह बेहोश हो गया। उसकी मां जब उसे बचाने लगी तो आरोपी गत्थू ने उसे धक्का दे दिया और धमकी दी कि अगर जानवरों को खेत से निकाला तो जान से खत्म कर देगें। सदारानी के चिल्लाने पर उसका पति और आस-पडोस के लोग वहां आ गए और खुमान को 100 डायल की गाडी से सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र केसली ले गए। जहां खुमान की मृत्यु हो गयी। उक्त घटना के संबंध में सामुदायिक स्वास्थय केन्द्र केसली से प्राप्त सूचना के आधार पर जांच कर थाना केसली में धारा 294, 506, 302, 34 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण साक्ष्यों को सूक्ष्मता से प्रस्तुत किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकरआरोपीगण परषोत्तम उर्फ गबूदे पिता रामसिंग गौड उम्र 21 वर्ष एवं बैजनाथ उर्फ गत्थू पिता शेर सिंह गौड उम्र 29 वर्ष  दोनों निवासी ग्राम पिपरिया थाना केसली तहसील देवरी जिला सागर, दोनों आरोपीगण को धारा 302 भादवि में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 1000-1000 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।


 नाबालिग का बलात्कार कराने में सहयोगी रिस्तें में लगने वाली आरोपिया नानी की जमानत खारिज

सागर। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने रिस्तो को कलंकित करने वाली एवं रिस्ते में लगने वाली नानी द्वारा नाबालिग का बहला फुसला कर एवं डरा-धमका कर बलात्संग करवाने वाली आरोपिया प्रकाश रानी पति भगवान दास अहिरवार का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा। 

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 09.09.2020 को बी.एम.सी. सागर से एक मरीज जिसकी उम्र 15 वर्ष है की गर्भवास्था की जानकारी से संबंधित पत्र थाना प्रभारी, पुलिस चौकी बी.एम.सी. सागर को प्राप्त हुई। घटना चौकी सीहोरा थाना राहतगढ की होने से जाॅच हेतु सीहोरा चौकी प्रभारी को सूचना दी गयी। चौकी प्रभारी, चौकी सीहोरा थाना राहतगढ को जाॅच में बीएमसी सागर के डाॅक्टर से जानकारी प्राप्त हुई कि मरीज जो कि नाबालिग है जिसकी उम्र 15 साल है, के पेट में दर्द की शिकायत पर उसके परिजनों द्वारा बी.एम.सी. में भर्ती कराया गया। नाबालिग की डाॅक्टर के द्वारा सोनोग्राफी कराई गई तो वह 16 हफ्ते 03 दिन के गर्भ से थी। उक्त सूचना पर चौकी प्रभारी द्वारा मेडीकल रिपोर्ट प्राप्त कर नाबालिग के कथन लेख किये गये। जिसमें नाबालिग ने पुलिस को बताया कि आरोपी भगवानदास अहिरवार एवं आरोपिया प्रकाश रानी अहिरवार जो रिस्ते में उसके नाना नानी लगते है जिन्होने जबरदस्ती बहला फुसलाकर एवं जान से मारने की धमकी देकर दो बार पीडिता (नाबालिग) के साथ बलात्कार किया । जाॅच के आधार पर आरोपी भगवानदास पिता छोटेलाल अहिरवार एवं प्रकाश रानी पति भगवान दास अहिरवार के विरूद्ध अपराध धारा 76,376(1),376(2),342,506,34 भादवि, 5(एल)/6, 5(जे)(2)/6, 5(एन)/6, पाॅक्सो एक्ट का पाये जाने से थाना राहतगढ द्वारा  प्रकरण पजंीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपीगण को गिरिफ्तार किया गया। आरोपिया प्रकाश रानी अहिरवार के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया एवं तर्क प्रस्तुत किये प्रकरण की विवेचना अपूर्ण है। आरोपिया द्वारा साक्षियों एवं पीडिता को डराया व धमकाया जा सकता है एवं जमानत का लाभ देने से इस प्रकार की बारदात करने वालों के होशले बढेगें। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपिया प्रकाश रानी अहिरवार का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया। 

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