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Wednesday, October 21, 2020

सागर/नाबालिग को डरा-धमका के दुष्कर्म करने वाले आरोपी की जमानत खारिज


सागर
। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने आरोपी नीरज पिता रतन लाल अहिरवार उम्र 20 साल निवासी सिविल लाईन सागर जिला सागर का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा। 

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना सिविल लाईन को अस्पातल से मेमों प्राप्त होने पर जिला अस्पताल सागर हमराह महिला स्टाफ सहित पीडिता एवं उसकी माॅ के कथन एवं पीडिता की मेडीकल रिपोर्ट पर से आरोपी नीरज पिता रतनलाल के विरूद्ध अपराध धारा 376,506 भादवि एवं पाक्सो एक्ट के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीडिता ने कथनों में बताया कि उसकी उम्र 14 वर्ष है उसके पिता 5-6 साल पहले खत्म हो गये थे। संक्रांति के समय करीब शांम 07 बजे घर पर कोई नही था आरोपी नीरज आया और पीडिता को किसी काम के बहाने उसके साथ उसके घर जाने के लिये कहने लगा। पीडिता आरोपी की बातो में आकर उसके साथ उसके घर चली गयी तो आरोपी ने जबरदस्ती नाबालिग को जमीन पर गिरा दिया और उसके साथ गलत काम किया तथा बोला कि किसी को बताया तो जान से खत्म कर देगा। पीडिता डर गयी और किसी को कुछ नही बताया। करीब 4-5 दिन बाद आरोपी नीरज ने पुनः पीडिता को डरा धमका कर उसके साथ गलत काम किया। ऐसे ही आरोपी ने कई बार गलत काम किया। करीब 5 माह बाद जब पीडिता को पेट से संबंधित समस्या हुई तो पीडिता ने अपनी माॅ को घटना के बारे में बताया और अस्पताल जाॅच कराने गयी। विवेचना में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।  आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी नीरज अहिरवार का प्रस्तुत  जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया। 

बहला फुसलाकर नाबालिग को लेजाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी की जमानत खारिज  

सागर। न्यायालय- श्रीमती नीलू संजीव श्रृंगीऋषि विशेष न्यायाधीश/नवम अपर सत्र न्यायाधीश पाॅक्सो एक्ट सागर के न्यायालय ने आरोपी रंजीत चढार पिता ठाकुरदास चढार निवासी ग्राम औरिया थाना जैसीनगर जिला सागर का जमानत का आवेदन को निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन, सागर ने शासन का पक्ष रखा। 
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि  फरियादी ने थाना नरयावली में उपस्थित होकर रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 08.12.2017 के दोपहर में उसकी बेटी जिसकी उम्र 16 साल(नाबालिग) है गेहूॅ लाने का कहकर घर से बाहर गयी थी जो रात तक घर पर वापिस नही आयी। आस-पडोस एवं रिस्तेदारी में भी पता करने पर उसका कही कोई पता नही चला। कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसला के ले गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण धारा 363 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान नाबालिग को दस्तयाव कर नाबालिग के कथन लिये गये जिसमें उसने बताया कि आरोपी रंजीत उसे बहला फुसला के भोपाल ले गया और एक किराये के कमरे में उसके साथ गलत काम करता रहा। विवेचना में आरोपी के विरूद्ध धारा 366,376 भादवि एवं 3/4, 5/6 पाॅक्सो एक्ट का इजाफा किया गया।  आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध किया। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी रंजीत चढार का प्रस्तुत  जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया। 

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