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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Monday, December 7, 2020

लेखक, चिंतक, पत्रकार, सम्पादक ललित सुरजन को दी श्रद्धांजलि


जो रोशनी थी, उनकी वजह से ही थी..

शिवपुरी। लेखक,कवि, चिंतक, पत्रकार, सम्पादक ललित सुरजन की याद में स्थानीय गांधी सेवाश्रम में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ। जिसमें मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन, म. प्र. प्रगतिशील लेखक संघ, म. प्र. लेखक संघ और नगर की दीगर साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े साहित्यकारों के अलावा पत्रकार साथी और सियासी पार्टियोंं से जुड़े राजनीतिक नेता शामिल हुए और उन्होंने लेखक—पत्रकार ललित सुरजन को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि प्रकट की।

शायर डॉ. महेन्द्र अग्रवाल ने अपनी गजल के एक शे'र के जरिए ललित सुरजन को याद करते हुए कहा, ''जो रोशनी थी, उनकी वजह से ही थी/वो क्या गए कि घर की रौनक चली गई। उनके जाने की खबर स्तब्ध कर गई। वे चलते—फिरते विश्वविद्यालय थे। उनकी पत्रकारिता में ईमानदारी की झलक साफ दिखलाई देती थी। उन्होंने हमेशा साहसिक और जनपक्षधर पत्रकारिता की। शायर, नाटककार दिनेश वशिष्ठ ने कहा वे सक्रिय पत्रकार, कुशल संगठनकर्ता एवं श्रेष्ठ साहित्यकार थे। उनके जाने से हिंदी साहित्य और पत्रकारिता दोनों को गहरी क्षति पहुंची है। कवि  राम पंडित ने कहा, ललित जी का नाम आते ही मायाराम सुरजन जी की याद आती है। ललित जी ने अपने परिवार की साहित्यिक एवं पत्रकारिता की परंपरा का उचित निर्वहन किया था। कवि राजकुमार चौहान ने कहा, वे सच्चे पत्रकार थे। साहित्यकार, संस्कृतिकर्मियों के प्रति उनका व्यवहार हमेशा विशिष्ट रहता था।

लेखक जाहिद खान ने वरिष्ठ पत्रकार ललित सुरजन को अपनी खिराजे अकीदत पेश करते हुए कहा, वे नियमित लेखक थे। उनके संपादकीय काफी गंभीर होते थे। गलत को गलत और सच को सच कहने का माद्दा उनमें था। देशबन्धु ने पत्रकारिता के जो मानदंड तय कर रखे थे, ललित जी ने उनसे कभी समझौता नहीं किया। आदिवासियों, दलित और महिला मुद्दों को उन्होंने  देशबन्धु में हमेशा प्राथमिकता दी। देश में किसी भी पार्टी की सत्ता रही हो, वे हमेशा विपक्ष में रहे। मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के जिला अध्यक्ष विनय प्रकाश जैन 'नीरव' ने कहा, ललित सुरजन मूल्यपरक पत्रकारिता के अग्रणी पत्रकार थे। पत्रकार होने के साथ—साथ वे संस्कृतिकर्मी, अच्छे कवि और अनुवादक भी थे। विश्व शांति आंदोलन से गहराई से जुड़े थे और उन्होंने प्रांतीय व राष्ट्रीय दायित्व का भी निर्वहन किया। उनके निधन से साहित्य एवं पत्रकारिता जगत दोनों को अपूर्णीय क्षति हुई है। 

विनय प्रकाश जैन ने ललित सुरजन की दो कविताओं का भी वाचन किया। लेखक, रंगकर्मी अखलाक खान ने कहा ललित सुरजन के दृष्टिसंपन्न संपादन का ही नतीजा था कि एकेडमिक जगत में देशबन्धु की एक अलग पहचान थी। अखबार के संपादकीय और साहित्यिक सामग्री के लिए लोग खास तौर से अखबार पढ़ते थे।  श्रद्धांजलि सभा में नगर के पत्रकारिता जगत से जकी खान, सलीम खान, उत्कर्ष भार्गव और अशरफ कुरेशी, तो राजनीतिक जगत से कांग्रेस लीडर कॉपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष वासित अली, आजाद खान, कांग्रेस पार्टी के मीडिया प्रभारी पत्रकार विजय चौकसे विशेष तौर पर शामिल हुए और उन्होंने ललित सुरजन को अपनी श्रद्धांजलि पेश की।

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