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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Wednesday, April 14, 2021

लीज कहीं की उत्खनन कहीं, मामला खदान वेदमऊ का...


अवैध उत्खनन और परिवहन से सीएम के वृक्षारोपण को लग रहा पलीता

शिवपुरी- जिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के वृक्षारोपण रूपी अभियान को किस तरह से खदान क्षेत्र में पलीता लगाया जा रहा है इसका अमिट उदाहरण खदान वेदमऊ के वन सीमा क्षेत्र में देखने को मिल रहा है जहां खनन माफिया सीधे मुख्यमंत्री के वृक्षारोपण अभियान को धता बताते हुए लीज कहंी और उत्खनन कहीं और इस तरह अवैध उत्खनन और परिवन को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां के खनन माफियाओं की सक्रियता यह है कि वेदमऊ खदान के लिए जहां लीज स्वीकृत है उस क्षेत्र को दरकिनार करते हुए खनन माफिया आसपास की वन भूमि को निशाना बनाकर उस पर जमकर खनन कर रहे है। ऐसे में वन विभाग के संरक्षण में संचालित इस वेदमऊ खदान के संचालक और खनन माफियाओं ने अपनी पौबारह चमकाने के लिए खदान क्षेत्र में ही डेरा डाल रखा है और मनमर्जी से रॉयल्टी व डम्फरों से होने वाले परिवहन को लेकर खदान संचालक सरेआम शासन के राजस्व को पलीता लगाते हुए अपने मंसूबों को पूरा करने में लगे हुए है। 

कोयले के खान के समान है वेदमऊ खदान!

ऐसा प्रतीत होता है जैसे कोयले के खान के समान वेदमऊ खदान है यही कारण है कि जहां खदान माफियाओं द्वारा वन सीमा क्षेत्र में लीज के अतिरिक्त वन भूमि को निशाना बनाया जाकर उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर खनन माफियाओं ने इस वेदमऊ के खदान क्षेत्र को ही अपनी पौ बारह मानते हुए वन भूमि पर जमकर अवैध उत्खनन और परिवहन मशीनों के द्वारा शुरू कर दिया गया है। एक ओर जहां वन सीमा में वन्य प्राणियों को इस तरह के खनन से परेशानी है तो दूसरी ओर खनन माफियाओं का भी सूत्रों के अनुसार साफ कहना है कि वन विभाग के संरक्षण के चलते वह अपने इस गोरख धंधें को अंजाम दे रहे है। ऐसे में खनन क्षेत्र से जुड़े इस मामले को लेकर स्वयं वन विभाग के जिम्मेदार भी मौन साधे हुए है। इससे प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं इस कोयले की खान रूपी वेदमऊ खदान का संचालन भी बेखौफ खदान संचालक वन विभाग के संरक्षण में मनमर्जी अनुसार संचालित किए हुए है। 

वन्य प्राणियों की जान को है खतरा

एक ओर जहां वन भूमि के लीज क्षेत्र में खनन को मंजूरी दी गई है तो दूसरी ओर यह भी निर्देशित किया गया कि किसी भी तरह से वन्य प्राणियों को नुकसान नहीं होना चाहिए लेकिन यहां सूत्रों ने बताया कि वन्य प्राणियों का शिकार ही खनन माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है जिसके चलते वन सीमा क्षेंत्र में जमकर अवैध उत्खनन और परिवहन करने वाले खनन माफियाओं रात के गुलछर्रे में शराब, कबाब का आनन्द भी इन्हीं निरीह वन्य प्राणियों का शिकार करते हुए कर रहे है जो कि पूरी तरह से वन अपराध की श्रेणी में आता है बाबजूद इसके इस ओर वन विभाग के द्वारा सबकुछ देखते हुए भी इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। जिससे पता चलता है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और भोपाल स्तर से अब एक टीम आकस्मिक निरीक्षण करने वेदमऊ वन सीमा क्षेत्र में आएगी और यहां के हालातों का जायजा लेकर संबंधत खनन माफियाओं पर ना केवल नकेल कसेगी बल्कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। इसे लेकर सूत्रों के अनुसार रणनीति बनाई जा रही है और शीघ्र ही इस ओर उचित कदम उठाया जाएगा, इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता। 

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