विभिन्न प्रसंगा के साथ कल होगा श्रीमद् भागवत कथा का समापनशिवपुरी- दुनिया में पाप इस कदर बढ़ रहा है कि लोग गर्भ में ही बेटियों की हत्या करवा रहे हैं एवं अपना नरक में जाने का रास्ता स्वयं तैयार कर रहे हैं मनुष्यता समाप्त होती जा रही हैं मनुष्य से सारी पृथ्वी दुखी होती चली जा रही है क्योंकि मनुष्य धीरे-धीरे इतना पापी हो चुका है कि अब उसको हत्या करने में भी जरा सी भी लज्जा नहीं आती और यहां तक कि वह अपनी बेटी जो गर्भ में पल रही उसको भी मरवा देता हैं
और अपना पतन स्वयं अपने हाथों से करते हैं जब बेटी संसार में नहीं रहेगी तो दुनिया कहां से चलेगी क्योंकि स्त्री के बिना तो संसार की कल्पना ही नहीं की जा सकती, ब्रह्मांड में नौ ग्रह है वे शब्द पुलिंग लेकिन वहां पर जीवन नहीं है पृथ्वी शब्द स्त्रीलिंग है यहां पर जीवन है मनुष्य को जीवन प्रदान करने में माता ही सक्षम है इसलिए जो बेटियों को भार समझते हैं उनका अपमान करते हैं उनको गर्भ में ही नष्ट करवा देते हैं ऐसे मनुष्य राक्षस हैं
यह प्रवचन क्षेत्र के प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य बृजभूषण महाराज ने कथा के छठवें दिन रुकमणी कृष्ण विवाह के उत्सव पर कहे। उन्होंने बताया कि मनुष्य अपनी बुद्धि को इतना भी नीचा ना करें उन्होंने कहा जब संसार में कन्या नहीं होगी तो श्रृष्टि ही समाप्त हो जाएगी, अरे भगवान श्री कृष्ण ने तो रानियों की लाज बचाने के लिए सभी को अपनी पत्नी बना लिया था मानव का कर्तव्य है, स्त्रियों की लाज बचाना बहन बेटियों की रक्षा करना, करें यही मानव का सबसे बड़ा धर्म है।
आचार्य बृजभूषण महाराज ने बताया कि मनुष्य अपने कर्मों के द्वारा ही पतित होता है और किसी और को दोष नहीं देना चाहिए, कंस अपने कर्मों से ही पतित हुआ और मारा गया। महाराज ने महारास की पावन कथा का श्रवण भी कराया। इस कथा का आयोजन नीलम सिंह दांगी करवा रहे हैं, कथा का समापन आगामी 17 नवंबर को विभिन्न कथा प्रसंगों के साथ होगा।
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