Responsive Ads Here

Shishukunj

Shishukunj

Friday, January 7, 2022

प्रशासनिक प्रयासों से कुपोषण मुक्त हुआ, लावारिस मिला मासूम


लावारिस मिला अति कुपोषित मासूम सुपोषित होकर मातृछाया में पहुंचा

शिवपुरी-करैरा तहसील के सिरसौद चौराहा स्थित यात्री प्रतीक्षालय में 15 दिसंबर की शाम अमोल थाना पुलिस को एक 2 वर्षीय बालक लावारिस हालत में मिला था। बालक कुपोषित होने से काफी कमजोर था। उसे उपचार हेतु जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बालक के अति कुपोषण को देखते हुए उसे बेहतर उपचार हेतु मेडिकल कॉलेज ग्वालियर रैफर किया गया था। 17 दिन के उपचार पश्चात सुपोषित हो चुके मासूम को बाल कल्याण समिति के आदेश पर ग्वालियर मातृछाया शिशु कल्याण केंद्र में रखा गया है। आरंभिक जांच में गंभीर कुपोषित मासूम को सिविल सेरेब्रल पाल्सी नामक बीमारी होने के कयास लगाए जा रहे थे। दिव्यांग होने से बच्चे को परिवार ने छोड़ा जैसी खबरें भी मीडिया में आईं। बालक जिस दिन प्राप्त हुआ था उस समय काफी कमजोर था एवं उसके शरीर पर कई जख्म भी थे। उपचार के बाद बालक स्वस्थ है उसका वजन भी 6.5 किलो हो गया है। बच्चे को बेहतर उपचार एवं उसके जीवन की रक्षा के लिए महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग की ओर से समर्पित भाव से काम किया गया। 

समन्वित प्रयासों से मिली सफलता
करैरा रियोजना अधिकारी प्रियंका बुनकर के द्वारा कमलाराजा चिकित्सालय में भर्ती बच्चे की निगरानी हेतु आंगनवा?ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिकाओं की बदल. बदलकर ड्यूटी लगाई गई। ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा ने बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर डॉक्टर, बच्चे एवं अटेंडर्स की बीच समन्वय का कार्य किया तथा चाइल्ड लाइन सदस्य विनोद परिहार ने भी बच्चे की देखभाल में सहयोग किया। बाल कल्याण समिति के द्वारा बच्चे का नियमित फॉलोअप किया जाता रहा।

लीगल फ्री के बाद एडॉप्शन पर जाएगा बच्चा
बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि बच्चे को गोद देने के लिए विधिक रूप से स्वतंत्र किया जाएगा। उसके बाद केंद्रीय दत्तकग्रहण अभिकरण के माध्यम से गोद देने की कार्यवाही की जाएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी देवेंद्र सुंदरियाल ने बताया कि बच्चा जब मिला थाएतब उसकी स्थिति काफी नाजुक थी।बेहतर उपचार के लिए उसे ग्वालियर रैफर किया गया था। बच्चे की नियमित निगरानी के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका एवं चाइल्ड लाइन टीम की ड्यूटी लगाई गई थी। उन्होंने 17 दिन तक लगातार बच्चे की देखभाल की। बच्चा पूरी तरह स्वस्थ हैए बाल कल्याण समिति के आदेश पर उसे ग्वालियर मातृछाया शिशुगृह में रखा गया है। 

No comments:

Post a Comment