शिवपुरी। रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत कपिलधारा कूप निर्माण की एवज में भुगतान न होने से दुखी होकर जनपद पंचायत कार्यालय बदरवास के गेट पर धरना देने वाले किसानों के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त कर दिया है। जनपद कार्यालय पर प्रदर्शन करने पर सीईओ ने इन पर मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट में कोई भी आरोप साबित नहीं हुआ और सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार ने सभी को बरी कर दिया। उल्लेखनीय है कि अधिकारियों द्वारा शांतिपूर्ण विरोध करने वालों पर भी कई बार शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज कराकर अपनी ताकत दिखाई जाती है। अपील न्यायालय में आंदोलनकारियों की पैरवी एडवोकेट अजय गौतम और गोपाल व्यास ने की।
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत मामला यह था कि फरियादी मुख्य कार्यपालन अधिकारी बदरवास के के शर्मा खंड पंचायत अधिकारी जगमोहन के साथ थाने आकर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्ना करने के संबंध में एक लेखीय आवेदन दिया। इसमें बताया कि 18 जनवरी 2017 को प्रात: 10:00 बजे से अभियुक्त गण परमाल सिंह, रामसेवक, सुनील, लक्ष्?मण, विजय सिंह, हरिराम, मुकेश और वीरेंद्र समस्त निवासीगण ग्राम सुमैला, थाना बदरवास जिला शिवपुरी द्वारा एक राय होकर जनपद कार्यालय में ताला डाल दिया।
पुलिस ने इसमें एफआइआर दर्ज कर ली थी। अनुसंधान के पश्चात अभियोग पत्र न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोलारस के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें विचारण पश्चात न्यायालय ने आंदोलनकारी अभियुक्तों के विरुद्ध आरोपों को प्रमाणित नहीं पाया और सभी को दोषमुक्त कर दिया था। इसके विरुद्ध मध्यप्रदेश राज्य द्वारा दंडाधिकारी जिला शिवपुरी ने लोक अभियोजक के माध्यम से सत्र न्यायाधीश शिवपुरी में अपील प्रस्तुत की थी।
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