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Saturday, December 17, 2022

श्री सम्मेद शिखर जी को किसी भी हालत में पर्यटन क्षेत्र नहीं बनने देगी जैन समाज, कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन




सकल जैन समाज ने रैली निकालते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौंपा ज्ञापन

शिवपुरी- सकल जैन समाज शिवपुरी के द्वारा एकजुट होकर श्रीसम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र के रूप में घोषित करने पर विरोध दर्ज कराया गया और इस संबंध में राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इसके पूर्व श्रीछत्री जैन मंदिर से कलेक्ट्रेट तक श्रीसम्मेद शिखर जी को पवित्र क्षेत्र घोषित करने की मांग पर विशाल प्रदर्शन रैली भी निकाली गई। 

बताना होगा कि झारखंड के गिरीडीह जिले में स्थित जैन समाज के सबसे पवित्र तीर्थ क्षेत्र श्री तीर्थराज सम्मेद शिखर जी के एक भाग को वन एवं पर्यटन क्षेत्र घोषित करने से आहत भारत भर की जैन समाज एवं विश्व जैन संगठन के आव्हान पर आज शिवपुरी में भी जैन समाज ने अपने प्रतिष्ठान।बारह बजे तक वंद रखकर एक विशाल मौन रैली निकाली जो श्री छत्री जैन मन्दिर से प्रारंभ होकर माधव चौक भगवान महावीर स्वामी मार्ग से होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची जहां पर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री के नाम जैन समाज की ओर से पूर्व विधायक देवेंद्र जैन,मंदिर कमेटी एवं सकल जैन के संगठन प्रमुख ने अपर कलेक्टर दिनेश सिंह को ज्ञापन सौंपा जिसका वाचन महेन्द्र जैन भैय्यन द्वारा किया गया। 

जैन समाज द्वारा निकाली गई विरोध प्रदर्शन रैली में सकल जैन समाज,सभी जैन मंदिरों के ट्रस्टीगण, सभी महिला मंडल,बालक-बालिका मंडल एवं पाठशाला परिवार सहित शहर के अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी विशेष रूप से उपस्थित रहकर जैन समाज का साथ दिया। इसके साथ ही सकल जैन समाज शिवपुरी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन रैली में सहयोग प्रदान करने पर आयोजकों द्वारा उपस्थित सभी समाज बँधुओ,सभी मंदिर कमेटियों का, माताओं-बहनों,बालक बालिका मंडल के साथ साथ शहर के गणमान्य नागरिकों का अभिनंदन करते हुए आभार व्यक्त किया गया। 

श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन  स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करे केंद्र सरकार
केंद्र सरकार द्वारा जैनों के सबसे मुख्य एवं पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को नष्ट करने का कुचक्र रचा जा रहा है जिसे जैन समाज सहन नहीं करेंगा तीर्थक्षेत्र की पवित्रता वनाये रखने के लिए हम कुछ भी करेंगे।20 तीर्थकर भगवन्तों एवं अनंत संतों की निर्वाण स्थली के साथ यह तीर्थ शास्वत तीर्थ के रूप में अनाधिकाल से अहिंसा का सन्देश दे रहा है शिखर जी को पर्यटन नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें। 

इन विन्दूओ की भी मांग रखी

पारसनाथ पर्वतराज' को वन्य जीव अभ्यारण्य, पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान, पर्यटन / धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएँ। 

पारसनाथ पर्वतराज' को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभ्यारण्य का 'एक भाग' और तीर्थ 'माना जाता है' लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. 2795 (ई)दिनांक 02अगस्त 2019 को अविलंब रद्द किया जाए

'पारसनाथ पर्वतराज' और मधुबन को माँस-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र "जैन तीर्थस्थल" घोषित किया जाए। 

पर्वतराज की वन्दना मार्ग को अतिक्रमण, वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण,सामान जांच हेतु CRPF व स्कैनर,CCTV कैमरे सहित दो चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाये जाए। 

पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान, पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो

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