वैष्णोधाम परिसर में भगवान गोवर्धन की हुई पूजा, आज मनाया जाएगा श्रीकृष्ण रूकमणी विवाह महोत्सवशिवपुरी-भगवान की विभिन्न लीलाऐं कुछ ना कुछ संदेश देती है और इन संदेशें और सद्ज्ञान को ही मनुष्य को समझना है, श्रीमद् भागवत कथा में जब भगवान गोवर्धन की पूजा का प्रसंग आता है तब यह मानिए कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पूजा क्यों कराई इसका तात्पर्य है कि मनुष्य इस संसार में जिस प्रकार से अपने जीवन को जी रहा है उसमें उसे ज्ञान का सद्भार्ग भी चाहिए और गोवर्धन पूजा का मुख्य उद्देश्य मान-मर्दन करना भी है जहां भगवान अपनी लीला से गोवर्धन पर्वत को उंगली पर ही उठा लिया और संदेश दिया कि कभी भी किसी पर अत्याचार या उसे पीड़ा नहीं पहुंचाना चाहिए इन हालातों में स्वयं भगवान ईश्वरीय रूप धारण कर रक्षा करने आते है, इसके साथ ही गोवर्धन पूजा करने से तात्पर्य है कि मनुष्य वन, प्रकृति, जीव-जन्तु आदि की भी रक्षा करें और गोवर्धन पूजा से यह बताया जाता है कि मनुष्य को कभी भी अपने बल का अभिमान नहीं करना चाहिए, ईश्वर का वास वन-पर्वत, प्रकृति के रूप में भी होता है।
भगवान गोवर्धन पूजा का यह वृतान्त श्रवण कराया प्रसिद्ध भागवत मर्मज्ञ आचार्य प्रहलाद जी महाराज ने जो स्थानीय वैष्णोधाम मंदिर परिसर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा प्रसंग पर गोवर्धन पूजा का महत्व बताते हुए उसकी उपयोगिता पर आर्शीवचन प्रदान कर रहे थे। इस दौरान गोवर्धन पूजा कार्यक्रम में कथा यजमान देवीलाल राठौर (बाबूजी), सुरेश राठौर, कैलाश नारायण राठौर, श्रीमती लक्ष्मी-राजेश राठौर, सुरेन्द्र और शुभम राठौर सहित जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़, शिक्षा विभाग से ही वत्सराज राठौड़, स्थानीय पार्षद दीप्ति भानु दुबे भी शामिल हुई। यहां सभी ने मिलकर भगवान गोवर्धन की पूजा और पुण्य लाभ अर्जित किया। इसके साथ ही कथा के अगले प्रसंग में सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण-रूकमणी का विवाह महोत्सव मनाया जाएगा जिसमें भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। समस्त धर्मप्रेमीजनों से वैष्णोधाम मंदिर परिसर आकर धर्मलाभ प्राप्त करने का आग्रह किया गया है।


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