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Shishukunj

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Wednesday, July 26, 2023

स्कूल में पहुंचकर शिक्षा विभाग के मुखिया डीईओ बने शिक्षक, बच्चो को समझाए समीकरण


एक स्कूल को प्रशंसा तो दूसरे में शिक्षक और चपरासी मिले गैर-हाजिर, जताई नाराजगी

शिवपुरी/कोलारस। सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिले के शिक्षा अधिकारी लगातार स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं, इस दौरान वे खुद शिक्षक बनकर बच्चों से रूबरू भी हो रहे हैं, जिससे स्कूलों की वास्तविक हकीकत सामने आ सके। बुधवार को जिला शिक्षा अधिकारी समर सिंह राठौड़ ने कोलारस अनुविभाग के एक ही क्षेत्र में स्थित तीन स्कूलों का निरीक्षण किया तो दो तस्वीर सामने आईं। पचावली हाई स्कूल में सब कुछ चाकचौबंद मिला तो वहीं खतौरा व इंदार हायर सेकेण्डरी स्कूल में बच्चों की उपस्थिती से लेकर शैक्षणिक स्तर तक खामियां पाई गईं। पचावली स्कूल की दुरूस्त व्यवस्थाओं के लिए प्राचार्य व स्टाफ को प्रशंसा मिली, तो खतौरा व इंदार में अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जाहिर की। पचावली स्कूल में निरीक्षण के दौरान डीईओ राठौड़ दसवी कक्षा के छात्रों के बीच पहुंचे और खुद शिक्षक बनकर बच्चों को गणित के समीकरण हल करवाए। इस दौरान उन्होंने बच्चों से सवाल जबाब भी किए। दोपहर 12:10 बजे स्कूल प्राचार्य प्रदीप अवस्थी सहित समस्त स्टाफ भी मौजूद मिला और स्कूल परिसर में फुलवारी व पौधारोपण की डीईओ ने प्रशंसा की। इधर हायर सेकेण्डरी स्कूल खतौरा में डीईओ पहुंचे तो यहां शिक्षिका सुनीता गोलिया हस्ताक्षर कर नदारद मिलीं, वहीं भृत्य संजीव कोली भी अनुपस्थित थे। दोनों के खिलाफ नोटिस जारी कर जबाब तलब किया जा रहा है।
कम उपस्थिती पर प्राचार्यों से जबाब तलब
निरीक्षण के दौरान जहां हाई स्कूल पचावली में दर्ज 188 बच्चों में से 155 उपस्थित थे तो वहीं हायर सेकेण्डरी स्कूल खतौरा व इंदार में दोपहर बाद पहुंचे डीईओ को 50 फीसदी बच्चे भी उपस्थित नहीं मिले। उपस्थित बच्चों का शैक्षणिक स्तर भी अपेक्षाकृत न्यून मिला। डीईओ ने दोनों स्कूलों के प्राचार्यों को नोटिस जारी कर जबाब मांगा है।
जनशिक्षकों को भी थमाए नोटिस
निरीक्षण के दौरान खतौरा व इंदार जनशिक्षा केंद्र में पदस्थ जनशिक्षकों के जनशिक्षा केंद्र पर न पहुंचने का मामला भी सामने आया। इन दोनों ही केंद्रों पर तैनात जनशिक्षकों के भ्रमण संबंधी अभिलेख भी नहीं मिले, जिसके चलते यहां के जनशिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। बता दें कि जनशिक्षक को अपने जनशिक्षा केंद्र अंतर्गत आने वाले स्कूलों की मानीटरिंग की जिम्मेदारी है और उन्हें जनशिक्षा केंद्र प्रभारी से समन्वय बनाकर नियमित रूप से यह कार्य करना होता है।

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