आईशर कंपनी द्वारा बस ड्राइवरों को दिया गया प्रशिक्षणशिवपुरी-पूर्व समय में ऑटोमोबाइल की एग्जास्ट सिस्टम से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसों से वायु की गुणवत्ता और मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता था। परंतु वर्तमान में उपयोग होने वाली क्चस्6 टेक्नोलॉजी ने ऑटोमेटिक एग्जिट एमिशन को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाई है। उक्त जानकारी वाहन निर्माता कंपनी आईशर से आए लखविंदर सिंह और सौरभ बाजपेई ने स्थानीय दून पब्लिक स्कूल के सभागार में स्कूल बसों के ड्राइवर और हेल्पिंग स्टाफ को जानकारी देते हुए बताया।
एक दिवसीय इस कार्यशाला में प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ ड्राइवर और अन्य स्टाफ को सड़क सुरक्षा के नियमविली को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताते हुए उन्हें बच्चों के साथ उचित व्यवहार करने, उनके साथ अभद्र भाषा का उपयोग ना करने, बस में नशा न करने व समस्त जरूरी कागजातों को व्यवस्थित रखने की जानकारी दी।
गाड़ी के बेहतर माइलेज के लिए 10000 किलोमीटर पर टायर रोटेट करने, 20000 किलोमीटर पर भी एलाइनमेंट करने, बिना जानकारी इलेक्ट्रॉनिक वायर को ना छूने, गाड़ी में दिए विभिन्न संकेतों ,क्रूज कंट्रोल सिस्टम सहित विभिन्न तकनीकी जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में आयशर के सेल्स मैनेजर कादर खान, स्कूल के मैनेजर अभिषेक शर्मा ,ट्रांसपोर्ट इंचार्ज प्रदीप खरे सहित तमाम ड्राइवर व अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।
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