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Sunday, September 10, 2023

भक्ति हो तो सुदामा जैसी हो : बृजभूषण महाराज



मॉं राज राजेश्वरी दरबार में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ विश्राम

शिवपुरी- अगर मनुष्य अपने जीवन में परमात्मा को प्राप्त करना चाहता है तो उसके लिए सुदामा जैसी भक्ति करनी होगी जिसमें की त्याग तपस्या एवं करुणा भरी हुई है परमात्मा ऐसे भक्तों की त्याग तपस्या को देखकर के उन पर प्रसन्न होते हैं और उनके जीवन को भगवान धन्य बना देते हैं। यह प्रवचन शिवपुरी शहर में स्थित मां राजेश्वरी माता के दरबार में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के विश्राम दिवस पर आचार्य बृजभूषण महाराज ने दिए और उन्होंने बताया कि सुदामा चरित्र समस्त संसार के लिए एक प्रेरणा है जीवन में भले ही कितना संकट आ जाए कितना दु:ख आ जाए कितनी भी विपरीत परिस्थितियों से सामना हो जाए जाएं परंतु कभी भी मनुष्य को भगवान की भक्ति का त्याग नहीं करना चाहिए, 

क्योंकि परमात्मा पर जब तक विश्वास मनुष्य नहीं करेगा, तब तक उसके जीवन को कृतार्थ भगवान कैसे करेंगे इसलिए मनुष्य को चाहिए कि सुदामा चरित्र से शिक्षा लेकर के अपने जीवन को त्याग पूर्ण बनाए। आचार्य ने कथा के प्रसंग में 24(चौबीस) गुरुओं की कथा का महत्व सुनाया और बताया कि गुरु के बिना किसी भी मनुष्य का कल्याण होने वाला नहीं है, जब तक मनुष्य के जीवन में गुरु नहीं होगा तब तक वह मनुष्य लोक एवं परलोक दोनों में सुख को प्राप्त नहीं करेगा, इसलिए अपने जीवन में गुरु अवश्य बनाना चाहिए। 

आचार्य ने कथा के अंत में संपूर्ण भागवत कथा के प्रसंग को सुनाया और बताया कि जो सप्तम दिवस की भागवत कथा श्रवण करते हैं, उनको सात दिनों तक भागवत कथा सुनने का फल प्राप्त होता है। विदित हो कि इस कथा का आयोजन राज राजेश्वरी मित्र मंडल द्वारा कराया जा रहा है एवं इस कथा का आयोजन 4 सितंबर से 10 सितंबर तक आयोजित किया गया।

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