छात्रावास अधीक्षकों का बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर प्रशिक्षण संपन्नशिवपुरी-छात्रावास के बच्चों के साथ अपने बच्चों जैसा बर्ताव करें। उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रति सजग रहें। उनको संरक्षण के साथ जीवन कौशल,साइबर सुरक्षा, बाल अधिकार, लैंगिक भेदभाव एवं सामाजिक बुराइयों से दूर रहने के लिए प्रेरित जरूर करते रहें। छात्रावासी बच्चों को शिक्षा तो स्कूल मिल जाती है,यदि संस्कार आप सिखा दें तो उन्हें संपूर्ण जीवन कौशल आ जायेगा। यह बात बतौर मास्टर ट्रेनर बाल संरक्षण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने आदिम जाति कल्याण विभाग के छात्रावास अधीक्षकों से कही। ममता संस्था एवं महिला बाल विकास द्वारा छात्रावास अधीक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया था, जिसमें जिले के सभी छात्रावास अधीक्षकों को जीवन कौशल, मानसिक स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा,लिंगभेद , बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण पर प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक आरके जाटव ने कहा कि बालिका छात्रावास में चौकीदार तथा अन्य पुरुष कर्मचारियों के व्यवहार पर नजर रखें। बच्चों की मनोदशा को समझें। अगर कोई बच्चा गुमसुम उदास दिखे तो बजह जानने की कोशिश करें। बच्चों के आधार अपडेट खातों की जानकारी समय पर भेजें जिससे उन्हें मिलने वाली स्कॉलरशिप तथा अन्य लाभ समय पर दिए जा सकें। ममता संस्था की जिला समन्वयक कल्पना रायजादा ने बाल संरक्षण से जुड़े विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि संस्था में रहने वाले बच्चों का बाल विवाह न हो। साइबर अपराधों एवं यौन शोषण से बचाव के संबंध में भी उन्होंने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी।
No comments:
Post a Comment