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Monday, February 5, 2024

साहित्य या कला केवल मनोरंजन के लिए नही बल्कि दिशादर्शन के लिए होता है : नुसरत मेहंदी


अखिल भारतीय साहित्य परिषद का साहित्यकार मिलन आयोजन सम्पन्न

शिवपुरी-अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला शिवपुरी का साहित्यकार मिलन आयोजन स्थानीय शासकीय महाविद्यालय में सम्पन्न हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि उर्दू अकादमी मध्यप्रदेश की निदेशक नुसरत मेहंदी, अध्यक्षता साहित्य परिषद के प्रांत अध्यक्ष डॉ कुमार संजीव, मुख्य वक्ता साहित्य परिक्रमा की अतिथि संपादक मंदाकिनी शर्मा, विशिष्ठ अतिथि के रूप में वरिष्ठ लेखक प्रमोद भार्गव व साहित्य परिषद के प्रांत महामंत्री आशुतोष शर्मा, जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी मौजूद रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के दीप प्रज्जवलन, संगठन मंत्र व परिषद गीत से हुआ।मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए नुसरत मेहंदी ने कहा की आज भी कुछ लोग नैतिक शिक्षा निरर्थक मान रहे है,एक वर्ग विशेष ऐसा है,जो साहित्य को केवल मनोरंजन मानता है, ऐसे में साहित्य के विद्यार्थियों को रास्ते मे कैसे छोड़ दे, उन्हें साहित्य की वास्तविकता का बोध कराना हमारी जिम्मेदारी है कि साहित्य केवल मनोरंजन के लिए नही बल्कि दिशादर्शन के लिए होता है,नैतिक मूल्यों की रक्षा उन्हें स्थापित कर समाज को दिशा देने के लिए होता है। साहित्य परिषद का भुवनेश्वर में आयोजित साहित्यकार सम्मान समारोह इस दिशा में परिणाम परक आयोजन रहा है। 

मुख्य वक्ता की आसंदी से बोलते हुए मंदाकिनी शर्मा ने कहा कि ऊंचे पदों पर बैठे हुए लोग अगर ईमानदारी से साहित्य द्वारा प्रदत्त शिक्षा का अनुसरण करने लगे तो राम राज्य सम्भव हो जायेगा, वाल्मीकि और वेद व्यास जी द्वारा रचित ग्रंथ विश्व को साहित्य का प्रदेय है,इन ग्रंथों का अध्ययन कर क्या हम समाज इस देश को नए नायक नही प्रदान कर सकते?वास्तविकता में साहित्य का शोध और निष्कर्ष इस दिशा में होना चाहिए। स्वागत उद्बोधन जिलाध्यक्ष प्रदीप अवस्थी ने दिया।

प्रथम सत्र का संचालन हेमलता चौधरी ने किया,अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर व क्रिकेटर डोली यादव को सम्मानित कर दूसरे सत्र में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया,जिसमे सतीश श्रीवास्तव,प्रमोद भारती करेरा,मुकेश अनुरागी,मुकेश शर्मा बदरवास,सतीश दीक्षित बेराड, इशरत ग्वालियरी उर्वशी गौतम,अंजली गुप्ता ,यशवंत भार्गव मंचासीन रहे,काव्य गोष्ठी का संचालन शुभाष पाठक जिया ने और आभार विकास शुक्ल प्रचंड ने माना।

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