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Saturday, March 16, 2024

गौ सेवा, गुरु सेवा और राम नाम जप से मनुष्य सभी ऋणों से हो जाता है मुक्त : मां कनकेश्वरी देवी


केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने लिया मां कनकेश्वरी देवी से आशीर्वाद, पहुंचे कथा में लिया धर्मलाभ

शिवपुरी/कोलारस-रामकथा के तीसरे दिन शनिवार को मां कनकेश्वरी देवी ने सत्संग और राम नाम के जप का विशेष महत्व बताया। उन्होंने व्यास पीठ से कहा कि मनुष्य की वाणी से विवेक प्रकट होना कोई बड़ी बात नही है वह तो किसी भी पुस्तक और ग्रंथो को पड़कर आ सकता है । किंतु विवेक मनुष्य के स्वभाव में दिखना चाइए । यह तभी संभव है जब मनुष्य  सत्संग में रहे। क्योंकि बिन सत्संग विवेक न होई, सत्संग से ही विवेक और उच्च व्यवहार जीवन में प्रकट होता है । जीवन में सत्संग भी आसानी से नहीं मिल जाता इसके लिए राम की कृपा जरूरी है। जब राम के कृपा से सत्संग प्राप्त होता है तो उससे जाग्रत विवेक व्यवहार में दिखने लगता है। साथ ही इस देव भारतभूमि के आध्यात्म महत्व का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि देवता अमृत का लोटा लेकर सबको लालयित करते है किंतु इस भारतवासियों को वे नही ललचा सकते क्योंकि इस भूमि पर सतसंग रूपी अमृत की नदी बहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि गौ सेवा,गुरु सेवा और राम नाम के अविरल जाप से मनुष्य अपने भाग्य की रेखाओं को बदल सकता है।

केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने लिया मां कनकेश्वरी देवी से आशीर्वाद
अपने तयशुदा दौरे से समय निकालकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंच कर मां कनकेश्वरी देवी का आशीर्वाद लिया। उनके साथ विधायक देवेंद्र जैन,महेंद्र यादव,जिला अध्यक्ष राजू बाथम,नगर पंचायत अध्यक्ष रवींद्र शिवहरे,युवा नेता गोलू गौड़ भी शामिल थे। सिंधिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि मां कनकेश्वरी जैसे महान संतों की साधना से भारत महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है।संतो में मैगनेटिक प्रभाव रहता है जिसके चलते हम व्यस्त कार्यक्रम से भी समय निकालकर चरणों के दर्शन करने पहुंच जाते है। एक बार मंच से उतरने के बाद जैसे ही मां कनकेश्वरी देवी ने राम नाम की धुन शुरू की तो फिर से सिंधिया मंच पर आकर राम धुन में लग गए। सिंधिया ने कहा कि आपकी कृपा ग्वालियर संभाग पर बनी रहे। अवसर था राम नाम के जप के प्रभाव के सत्संग का तो मां कंकेस्वरी देवी जी ने सभी नेताओं को रामजी के चरित्र का अनुसरण करने की बात कही । राम नाम लेकर जब कोई राजनेता जनसेवा में उतरता है तो सही मायने में रामराज्य की कल्पना मूर्त रूप लेती है

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