गायत्री परिवार शांतिकुंज के तत्वाधान में आयोजित हुआ कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर
शिवपुरी-वर्तमान समय में बढ़ते वृद्धाश्रम, टूटते बिखरते परिवार, घरेलू हिंसा एवं दुष्कर्मों का तेजी से बढ़ता ग्राफ समाज में घटते उन नैतिक मूल्यों का स्पष्ट संकेत है जो हमारी देवसंस्कृति भारतीय संस्कृति की आत्मा है उक्त उद्गार अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के भोपाल से अपने सहयोगियों सहित, कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में शिवपुरी पधारे राकेश गुप्ता द्वारा व्यक्त किये।
जिला समन्वयक शिवपुरी डॉ पी के खरे ने बतलाया कि विगत तीन माह में शिवपुरी जिले के समर्पित गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं ने जिले की 578 पंचायतों में से प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर पांच-पांच सेवा भावी परिवारों का चयन किया जा चुका है। प्रत्येक तहसील में 15-15 गायत्री परिजनों की समन्वय समिति गठित की जा चुकी है, इन समितियों के द्वारा देवस्थापना प्रत्येक परिवार में की जावेगी, उपासना साधना एवं आराधना का भावनात्मक एवं सृजनात्मक महत्व दैनिक गायत्री प्रार्थना, यज्ञ एवं दीपयज्ञ की संक्षिप्त विधि की जानकारी के साथ देव परिवार का बीजारोपण किया जावेगा।
उज्जैन से पधारे देवेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा बताया कि अब मंदिर के निर्माण से ज्यादा महत्व व्यक्ति के व्यक्तित्व परिष्कार पर कार्य करना है जिससे समाज में पनपती विकृतियों पर विराम लग सके। उपजोन प्रभारी महेश केवट जिले की तहसीलों से प्रशिक्षण शिविर में सम्मिलित परिजनों से विनम्र आग्रह किया कि अब मंदिर शक्तिपीठ पर बैठकर गायत्री परिवार के लक्ष्य को प्राप्त करने का विचार त्यागना होगा, प्रत्येक व्यक्ति तक धर्मतन्त्र के माध्यम से सार्थक लोक शिक्षण द्वारा ग्राम ग्राम जाकर अपना मानव धर्म निशाने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण शिविर में जिला गायत्री परिवार ट्रस्ट शिवपुरी के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने उपस्थित रहकर सार्थक सुझाव दिये। अन्त में 15 सदस्यीय जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया जिससे योजना के महत्वपूर्ण उद्देश्य की पूर्ति हेतु सही समुचित व्यवस्थायें गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के निर्देशानुसार की जा सकें।
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