परिणय वाटिका में आगामी 15 अक्टूबर से शुरू होगी संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा, होंगें विभिन्न आयोजनशिवपुरी- शहर में धर्म की प्रभावना यूं तो समय-समय पर बढ़ती रहती है और इसी क्रम में पहारिया ट्रेडर्स परिवार को भी यह सौभाग्य प्राप्त हुआ कि अंचल शिवपुरी स्थित जिला मुख्यालय पर वैकुंठवासी श्री राधेश्याम जी पहारिया की स्मृति में प्रसिद्ध विश्व विख्यात परम पूज्य संत श्री चिन्मयानंद बापू जी की पावन पुण्य कथा आगामी 15 अक्टूबर से स्थानीय परिणय वाटिका में होने जा रही है जिसमें समस्त धर्मप्रेमीजन सादर आमंत्रित है और पूज्य बापूजी के सानिध्य में आयोजित कथा में शामिल होकर धर्मलाभ प्राप्त करते हुए दर्शन एवं पुण्य लाभ अर्जित करें। पूज्य श्रीचिन्यानंद बापूजी के श्रीमुख से जिला मुख्यालय शिवपुरी पर आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा के इस आयोजन के बारे में जानकारी प्रदान की कथा के मुख्य यजमान श्रीमती लाली-शैलेन्द्र (सीटू)पहारिया एवं श्रीमती सनाया-शिवम् पहारिया ने जिन्होनें स्थानीय होटल सनराईज में आयोजित प्रेसवार्ता कर इस भव्य धार्मिक आयोजन के बारे में उपस्थित मीडिया को संबोधित किया।
प्रेसवार्ता में कथा के मुख्य यजमान शैलेन्द्र-शिवम पहारिया परिवार ने बतााया कि पहारिया ट्रेडर्स झाँसी तिराहा परिवार के द्वारा आगामी 15 अक्टूबर मंगलवार से 21 अक्टूबर सोमवार तक विश्व विख्यात परम पूज्य संत श्री चिन्मयानंद बापू जी के श्री मुख से श्रीमद् भागवत कथा का सप्त दिवसीय आयोजन परिणय वाटिका चिंताहरण मंदिर के सामने छत्री रोड शिवपुरी मध्यप्रदेश की पावन धरा पर आयोजित होगा, जिसमें कथा का समय नित्य दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक होगा।
इस दौरान कथा यजमान शैलेंद्र-शिवम् पहरिया ने बताया कि परम पूज्य बापूजी प्रथम बार शिवपुरी की पावन धरा पर पधार रहे हैं और यह समस्त शिवपुरीवासी के लिए सौभाग्य का विषय है कि उन्हें 15 अक्टूबर से 7 दिनों तक बापूजी का दर्शन और उनके श्रीमुख से श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करने का अवसर मिलेगा साथ ही उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर को विशाल कलश यात्रा प्रात: 9 बजे से श्री हनुमान जी मंदिर माधव चौक शिवपुरी से कथा स्थल परिणय वाटिका छत्री रोड को निकाली जाएगी जिसमें क्षेत्र की समस्त माता बहनों से उन्होंने ज्यादा से ज्यादा सम्मिलित होने का आग्रह किया तथा जिले की सभी गणमान्य धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं और सभी गणमान्य व्यक्तियों से और संपूर्ण क्षेत्र की जनता जनार्दन से आयोजन में जुडऩे की और ज्यादा से ज्यादा संख्या में कथा रसपान करने का आग्रह किया गया। इस कथा में समस्त धर्मप्रेमीजन सादर आमंत्रित है।
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