थ्रीडी प्रिंटर्स की सहायता से स्टूडेंट्स ने बनाया राम मंदिर का मॉडलशिवपुरी-शहर के फतेहपुर में संचालित गीता पब्लिक स्कूल की एटीएल लैब के छात्र ने विद्यालय संचालक पवन शर्मा के निर्देशन में स्टूडेंट्स की फेस टू थ्रीडी प्रिंटिंग ट्रेनिंग हुई, इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए स्टूडेंट्स ने सॉफ्टवेयर की सहायता से कंप्यूटर एडेड डिजाइन की एक फाइल तैयार की। इस फाइल को थ्रीडी प्रिंटर में प्रिंट करने के लिए उसको एसटीएल फाइल में कन्वर्ट किया गया। इस फाइल की सहायता से ही थ्रीडी प्रिंटर राम मंदिर के मॉडल को बना पाया। एसटीएल फाइल कन्वर्ट करने से पहले स्टूडेंट्स ने मॉडल की थ्रीडी इमेज को अच्छी तरह से परखा जिसमें उन्होंने इसकी हाइट, लेंथ और डेप्थ को अच्छी तरह मैनेज किया ताकि मॉडल की आकृति सही तरह से उभर कर सामने आ पाए। साथ ही स्टूडेंट्स ने इस मॉडल की सहायता से सॉफ्टवेयर में थ्रीडी इमेज को कैसे मैनेज किया जाता है उसके बारे में भी सीखा। थ्रीडी प्रिंटर को एसटीएल फाइल प्रोवाइड करने का प्रोसेस भी स्टूडेंट्स ने फेस टू में समझा। स्टूडेंट्स ने थ्रीडी प्रिंटर में ऑब्जेक्ट, लेयर बाय लेयर कैसे बनता है और सॉफ्टवेयर में उसकी स्लाइसिंग कैसे की जाती है को भी सीखा। थ्रीडी प्रिंटर में मैटेरियल को फीड करना और प्रिंटर को मॉडल के लिए तैयार करना यह भी बच्चों ने जाना। इस पूरी प्रक्रिया में स्टूडेंट्स ने थ्योरेटिकल नॉलेज और प्रैक्टिकल नॉलेज को साथ में सीखा। स्टूडेंटस काफी उत्साहित रहे क्योंकि उन्होंने अपने सपनों को साकार होते हुए देखा। विद्यालय परिवार ने होनहार बच्चे की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है7
थ्रीडी प्रिंटर्स की सहायता से स्टूडेंट्स ने बनाया राम मंदिर का मॉडलशिवपुरी-शहर के फतेहपुर में संचालित गीता पब्लिक स्कूल की एटीएल लैब के छात्र ने विद्यालय संचालक पवन शर्मा के निर्देशन में स्टूडेंट्स की फेस टू थ्रीडी प्रिंटिंग ट्रेनिंग हुई, इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए स्टूडेंट्स ने सॉफ्टवेयर की सहायता से कंप्यूटर एडेड डिजाइन की एक फाइल तैयार की। इस फाइल को थ्रीडी प्रिंटर में प्रिंट करने के लिए उसको एसटीएल फाइल में कन्वर्ट किया गया। इस फाइल की सहायता से ही थ्रीडी प्रिंटर राम मंदिर के मॉडल को बना पाया। एसटीएल फाइल कन्वर्ट करने से पहले स्टूडेंट्स ने मॉडल की थ्रीडी इमेज को अच्छी तरह से परखा जिसमें उन्होंने इसकी हाइट, लेंथ और डेप्थ को अच्छी तरह मैनेज किया ताकि मॉडल की आकृति सही तरह से उभर कर सामने आ पाए। साथ ही स्टूडेंट्स ने इस मॉडल की सहायता से सॉफ्टवेयर में थ्रीडी इमेज को कैसे मैनेज किया जाता है उसके बारे में भी सीखा। थ्रीडी प्रिंटर को एसटीएल फाइल प्रोवाइड करने का प्रोसेस भी स्टूडेंट्स ने फेस टू में समझा। स्टूडेंट्स ने थ्रीडी प्रिंटर में ऑब्जेक्ट, लेयर बाय लेयर कैसे बनता है और सॉफ्टवेयर में उसकी स्लाइसिंग कैसे की जाती है को भी सीखा। थ्रीडी प्रिंटर में मैटेरियल को फीड करना और प्रिंटर को मॉडल के लिए तैयार करना यह भी बच्चों ने जाना। इस पूरी प्रक्रिया में स्टूडेंट्स ने थ्योरेटिकल नॉलेज और प्रैक्टिकल नॉलेज को साथ में सीखा। स्टूडेंटस काफी उत्साहित रहे क्योंकि उन्होंने अपने सपनों को साकार होते हुए देखा। विद्यालय परिवार ने होनहार बच्चे की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है7
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