श्रीमद् भागवत कथा अर्जन पर पंसारी परिवार के द्वारा आयोजित कथा में दिया धर्मोपदेश
शिवपुरी- मनुष्य को यदि अपने जीवन जीने की दिशा कहीं नजर नहीं आ रही है इसके लिए आवश्यक है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करें, कथा श्रवण से ही जीवन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा, जीवन जीने के लिए कथा में कई प्रसंग है जहां से हरेक व्यक्ति को अपने जीवन के सारे सुख-दु:खों का निवारण मिल सकेगा और वह कथा अनुसार जीवन जी सकेगा, श्रीमद् भागवत के आयोजन से ना केवल कथा के यजमान बल्कि आसपास के अन्य जीव-जन्तु व धर्मप्रेमीजन भी धर्मलाभ प्राप्त कर अपने जीवन का कल्याण करते है इसलिए हरेक को कथा श्रवण अवश्य करना चाहिए। श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से जीवन जीने का यह मार्ग प्रशस्त किया व्यासपीठ से कथा का वाचन प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा मर्मज्ञ पं.श्री अंकुश तिवारी महाराज (ओरैया वाले) ने जो स्थानीय शगुन वाटिका में शहर के समाजसेवी पंसारी परिवार के श्रीमती पिस्ता-राधेश्याम गुप्ता, श्रीमती मंजू-पंकज कुमार एवं श्रीमती ऋचा-विनय गुप्ता परिजनों के द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के माध्यम से धर्मोपदेश दे रहे थे।
इस अवसर पर कथा प्रारंभ से पूर्व यजमान परिजनों के द्वारा श्रीमद् भागवत पूजन किया तत्पश्चात व्यासपीठ से द्वितीय दिवस की कथा का वाचन हुआ। इस अवसर पर पं.श्री अंकुश तिवारी महाराज ने कहा कि आज के दौर में मनुष्य के लिए सुख-दु:ख दो कारण है जिसमें सुख में तो वह अपने जीवन को हंसी-खुशी से जीता है लेकिन जैसे ही कोई दु:ख आता है तो उसे भगवान की शरण में जाना पड़ता है ऐसे में आवश्यक है कि मनुष्य को कभी भी स्वार्थी बनकर अपना जीवन नहीं जीना चाहिए, क्योंकि ईश्वर तो सुख-दु:ख सभी में शामिल रहते है इसलिए दु:ख भी आए तो ग्रहण करें निश्चित रूप से वह जल्द ही चला जाएगा और जब भी सुख आए तब भी स्वार्थी ना बनते हुए सभी के सुखों में शामिल हो और ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें कि उन्होंने यह अवसर दिया। श्रीमद् भागवत कथा में द्वितीय दिवस की कथा में महाभारत कथा एवं कपिल देवहुति उपाख्यान का श्रवण श्रद्धालुओं को कराया गया। आज 26 दिसम्बर को भक्त ध्रुव एवं सती चरित्र कथा श्रवण कराई जाएगी। पंसारी परिवार के द्वारा इस भव्य आयोजन में समस्त धर्मप्रेमीजनों से आह्वान किया है कि प्रतिदिन कथा दोप.12:30 बजे से 4:30 बजे तक किया जाएगा जहां कथा स्थल पर पहुंचकर धर्मलाभ प्राप्त करें।
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