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Wednesday, December 25, 2024

स्कूल अपनी क्वालिटी एजुकेशन के लिए जाने जाते हैं, इसलिए सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक : स्टेट प्रेसीडेंट पवन शर्मा


साल भर की गतिविधियों व मप्र के सबसे बड़े शिक्षक पद्म सम्मान के सफल आयोजन पर कैटेगरी में मिले आठ अवॉर्ड

शिवपुरी- निजी स्कूल अपनी क्वालिटी एजुकेशन के लिए जाने जाते हैं इसलिए हमें सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए ईश्वर के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए कि उन्होंने आज के विद्यार्थी, भावी समाज के निर्माताओं को तराशने की जिम्मेदारी हमें दी है, जिस काम को प्राइवेट स्कूल बखूबी निभा रहे हैं, प्राइवेट स्कूल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु आवश्यक समस्त सामग्री अपने संसाधनों से उपलब्ध करवाते हैं, जिसके लिए उन्हें सरकारी मदद उपलब्ध नहीं है, 

इसलिए प्राइवेट स्कूल पर आरटीई के तहत एडमिशन का जो दबाव रहता है उसके लिए सरकार को कुछ ठोस सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि इससे यह सिद्ध होता है कि सरकारी स्कूलों को सरकार से पूरा फंड मिलने के बाद भी वे सभी विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में समर्थ नहीं हैं। उक्त उद्गार व्यक्त किए प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट पवन कुमार शर्मा ने जो उत्तर प्रदेश के आगरा शहर के 5 सितारा होटल क्लार्क शिराज में आयोजित प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन का तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर आईपीएस अधिकारी विकास वैभव, प्रबंधन और उद्यमिता और पेशेवर कौशल परिषद के अभिजीत मुखर्जी और संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद एवं संयुक्त सचिव डॉ. एस.पी.वर्मा ने किया। टीम मध्यप्रदेश से स्टेट प्रेसीडेंट पवन कुमार शर्मा, राजकुमार शर्मा सेक्रेटरी, एस के गुप्ता संस्कार पब्लिक स्कूल ग्वालियर, कपिल गुप्ता डायरेक्टर मैक्स इंटरनेशनल और राजेश सिंह सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में देश भर के सभी राज्यों से 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें सभी ने निजी स्कूलों द्वारा फेस की जा रही परेशानियों-आरटीई का पैसा कई वर्षों से न मिलाना, शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों द्वारा लगातार परेशान करना, कई तरह के पोर्टल खोल देना से संबंधित अपनी समस्याओं को साझा किया गया। 

इस दौरान उन्होंने बताया कि आज के समय में विद्यार्थियों का शॉर्ट टेंपर्ड होना, आत्महत्या जैसे कदम उठाना, मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग करना जैसे कार्यों को रोकने में पेरेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका की तरफ भी ध्यान आकर्षित किया। कार्यक्रम में  में भारत सरकार के प्रबंधन और उद्यमिता और पेशेवर कौशल परिषद एवं प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के साथ एनईपी 2020 के अंतर्गत एक संयुक्त एमओयू साइन हुआ जिसमें देश भर के 25 लाख प्री प्राइमरी शिक्षकों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया।

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