मध्यप्रदेश लेखक संघ की मासिक काव्य गोष्ठि आयोजितशिवपुरी- उस्ताद शायर इशरत ग्वालियर के कहे इस कलाम को सुन पूरा सदन तालियों से गूंज उठा। अवसर था शिवपुरी दुर्गा मठ मे आयोजित मध्य प्रदेश लेखक संघ शाखा शिवपुरी की मासिक काव्य गोष्ठी का,विनय प्रकाश जैन नीरव जी की अध्यक्षता इशरत ग्वालियरी डा मुकेश अनुरागी और डा महेंद्र अग्रवाल जी की विशेष उपस्थिति मे आयोजित गोष्ठी का आरंभ मां शारदा के स्तवन से संचालन कर रहे अजय जैन अविराम द्वारा किया गया, इसके बाद अरुणेश रमन ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 'हर घर मे सदभाव फूल खिले उससे सुन्दर आँगन क्या होगाÓ, वहीं शिवकुमार राय अर्जुन ने युवाओं को उत्साहित करते हुऐ कहा 'लिख दो नई इबारत उठ कर,पुरुषार्थ से भरजाओ तुमÓ। सुना कर सभी की वाहवाई समेटी,राजकुमार चौहान ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुऐ कहा 'लाने नए जमाने होंगे, खंडर सभी ढहाने होंगेÓ। रावण के घर अंगद जैसे, अपने पैर जमाने होंगे।
डा मुकेश अनुरागी ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा 'आज तक वो भी समझ पाया न अनुरागी मुझे किन्तु मैं उसकी छुअन से जाफरानी हो गयाÓ। वहीं लेखक संघ के अध्यक्ष डा महेंद्र अग्रवाल ने शिवपुरी के उन साहित्यकारों का पुण्य स्मरण किया जो आज हमारे बीच मे नही है। गोष्ठी मे सहभागिता कर रहे यूसुफ साबिर, राधेश्याम सोनी, मौर्य साहब, सत्तार शिवपुरी ने भी सदन मे अनुपम रचनाएं पढ़कर सभी की सराहना प्राप्त की। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे विनय प्रकाश नीरव ने अपने उद्बोधन में साहित्य में चेतन मनन के साथ नवीनता की बात कही। अंत मे राज कुमार चौहान ने उपस्थित सभी साहित्यकार और श्रोताओं का आभार प्रकट किया।
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