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Sunday, January 19, 2025

शिक्षक अपना सर्वस्व न्यौछावर कर समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है: जिपं अध्यक्ष नेहा यादव


-शिक्षक ही है जो राजा को भी दण्डित कर सकता है: प्रो. सिकरवार

-मप्र शिक्षक संघ का कर्तव्यबोध कार्यक्रम आयोजित, नवीन कार्यालय का भी हुआ शुभारंभ

शिवपुरी। 1970 में स्थापित मप्र शिक्षक संघ राष्ट्रहित, शिक्षाहित, छात्रहित और शिक्षकहित में लगातार कार्य कर रहा है। संगठन ने रविवार को माधवचौक स्कूल परिसर स्थित संघ के नवीन कार्यालय भवन के शुभारंभ व स्वामी विवेकानंद की जयंती पर कर्तव्यबोध दिवस का आयोजन किया जिसमें जिलेभर से संघ की नवीन निर्वाचित कार्यकारिणी सहित शिक्षक शामिल हुए। कार्यक्रम में बतौर अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव, शिक्षा समिति अध्यक्ष अमित पडरया, नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य केशव सिंह तोमर, सांसद प्रतिनिधि राकेश गुप्ता, हरिओम राठौर व भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम सहित प्रमुख वक्ता के रूप में शिवपुरी महाविद्यालय के प्रध्यापक दिग्विजय सिंह सिकरवार शामिल हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने संघ के नवीन कार्यालय भवन का उद्घाटन किया। 

संघ के कार्यकारी जिलाध्यक्ष वत्सराज सिंह राठौड़ ने स्वागत भाषण के बाद अपनी कार्यकारिणी सदस्यों के साथ अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रूप में मौजूद प्रो. दिग्विजय सिंह सिकरवार ने कर्तव्यबोध को लेकर स्वामी विवेकानंद व सुभाषचंद्र बोस के जीवन से जुड़े संस्मरण का स्मरण कराकर मौजूद सैंकड़ों शिक्षको ंको अभिप्रेरित किया। उन्होंने शिक्षकों को कर्तव्यबोध कराते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में शिक्षक का पद सबसे महत्वपूर्ण है। प्राचीनकाल में भी राजा को भी दण्ड देने का अधिकार सिर्फ शिक्षक को था जिसका शास्त्रों में भी उल्लेख है। उन्होंने शिक्षक के शैक्षणिक दायित्व के अलावा राष्ट्र और समाज के लिए दायित्वों को आदर्श उदाहरणों द्वारा प्रस्तुत किया। 

जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव ने बेहद साफगोही से स्वीकार किया कि उन्होंने राजनीति में आने से पहले शिक्षण कार्य कराया है जो रुचि व सुकून उन्हें बच्चों को पढ़ाने में मिलता था उतना राजनीति में भी नहीं मिलता। उन्होंने स्वीकारा कि मनुष्य के जीवन में शिक्षा एक निरंतर प्रक्रिया है। स्कूल में पढ़ाने से लेकर राजनीति में दायित्व निभाने तक वे लगातार कुछ न कुछ नया सीख रहीं हैं। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि शिक्षक अपना सर्वस्व न्यौछावर कर समाज और राष्ट्र का निर्माण करता है इसलिए उसे अपने कर्तव्य का बोध अवश्य होना चाहिए। शिक्षक में वो क्षमता है जो एक बच्चे को सृजित कर उसके पूरे परिवार की दशा और दिशा बदल सकता है। वर्तमान में तकनीक का युग है इसलिए तकनीक आधारित शिक्षा पर फोकस करना भी आवश्यक है। 

कार्यक्रम का संचालन महावीर मुदगल व शिवकुमार श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान संगठन मंत्री सुशील अग्रवाल ने संघ के स्थापना से लेकर वर्तमान तक की गतिविधियों से परिचित कराया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला सचिव अनिल गुप्ता, उपाध्यक्ष राजेश सैन व अनूप सिंह परिहार, नगर कोषाध्यक्ष रोहित मेहते, जिला मीडिया प्रभारी नीरज सरैया सहित प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी राजबाबू आर्य, बीईओ मनोज निगम, सेवानिवृत्त प्राचार्य विनय गोपाल बेहरे, विपिन पचौरी सहित विभिन्न कर्मचारी, शिक्षक व अधिकारी संगठनों के पदाधिकारियों में शामिल राजेन्द्र पिपलौदा, कौशल गौतम, स्नेह सिंह रघुवंशी, अरविंद सरैया, पवन अवस्थी, गोविंद अवस्थी, परवेज खान, बृजेन्द्र भार्गव, उमेश करारे आदि मौजूद थे। 

विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य कर रहे हैं शिक्षक: तौमर

कार्यक्रम में मौजूद प्रदेश कार्यसमिति सदस्य केशव सिंह तोमर ने कहा कि वे जिले के सैंकड़ों गांवों का भ्रमण कर चुके हैं और उन्होंने धरातल पर देखा है कि तमाम विपरीत परिस्थतियों के बावजूद शिक्षक कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य कर रहे हैं। दो-तीन फीसदी लापरवाहों शिक्षकों के कारण पूरे शिक्षक वर्ग पर सवाल खड़ा करना और समूचे शिक्षक समाज को बदनाम करना सही नहीं है। शिक्षा समिति अध्यक्ष अमित पडरया ने भी अपने संस्मरणों से शिक्षकों को प्रेरित किया और मध्यान्ह भोजन सहित अन्य  योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर कहा कि शिक्षकों को जब भी कहीं कोई परेशानी हो तो वो हमेशा साथ खड़े हैं। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजू बाथम ने भी भारतीय संस्कृति और समाज में शिक्षकों की महत्वता और आवश्यकता पर प्रकाश डाला। 

कार्यक्रम के अंत में कार्यकारी जिलाध्यक्ष वत्सराज सिंह राठौड़ ने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षा जैसे मूल कार्य के अलावा शिक्षकों से तमाम गैरशैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैं। हमारा शिक्षक सुबह 6 बजे से रात तक इन कार्यों को पूर्ण करने में जुटा रहता है। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को शॉल श्रीफल के अलावा स्वामी विवेकानंद का चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस दौरान कार्यालय पर प्रतिदिन 2 से 5 बजे तक शिक्षकों की स्थानीय समस्याओं को लेकर कार्यकारिणी सुनवाई करते हुए आवेदन लिए जाएंगे और संघ के माध्यम से उनके निराकरण का प्रयास किया जाएगा।

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