शिवपुरी- बसंत पंचमी एवं माघ मास दसलक्षण पर्व के पावन अवसर पर सैकडों वर्ष से चली आ रही परंपरा के अनुसार शिवपुरी के अति प्राचीन श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर सदर बाजार से श्री पार्श्वनाथ भगवान को चांदी के रथ में विराजमान कर शहर के प्रमुख मार्गों से रथयात्रा निकाली गई। प्रात:काल जैन मन्दिर में सभी श्रद्वालुजनों ने पहले भगवान जी का अभिषेक पूजन किया इसके उपरांत भगवान जी को चांदी के रथ में विराजमान कर भगवान महावीर स्वामी मार्ग, महावीर स्वामी कीर्ति स्तंभ, कस्टम गेट होकर सदर बाजार स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मन्दिर जी के प्रांगण में लाकर रथयात्रा को थोड़ी देर के लिए विश्राम दिया गया। इसके उपरांत मन्दिर जी के प्रांगण में विध्यासागर पाठशाला के बच्चों द्वारा नशामुक्ति रोकने, बच्चों में संस्कार देने हेतु भक्ति गीत एवं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन के ऊपर भी सुंदर भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया गया। तदुपरांत वार्षिक फुलमाल, पाठशाला एवं चार मुख्य पुजारियों का चयन यहाँ पर किया गया। सकल जैन समाज महापंचायत शिवपुरी के कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र जैन भैयन ने बताया कि इसके बाद जैन मन्दिर से रथयात्रा पुन: प्रारंभ हुई जो सदर बाजार, गांधी चौक, माधव चौक, पुराना प्राइवेट बस स्टैंड होकर के श्री आदिनाथ जिनालय शिवपुरी पर पहुंची, यहां पर श्री पार्श्वनाथ भगवान का चार कलाशों से अभिषेक किया गया एवं शांतिधारा करके पूजन का कार्यक्रम हुआ। पूजन कार्यक्रम के उपरांत सकल जैन समाज का वात्सल्य भोज भी श्री आदिनाथ जिनालय पर संपन्न हुआ। इसके उपरांत पुन: रथयात्रा धर्मशाला रोड़ होकर के श्रीचंद्रप्रभु जिनालय सदर बाजार पर वापिस पहुंची। जहां पर भगवान को वेदिका में विराजमान करके कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह परंपरा शिवपुरी में 100 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है बसंत पंचमी के अवसर पर जैन समाज द्वारा यह रथयात्रा का कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। जिसमें शिवपुरी जिले के साथ-साथ ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, दतिया, श्योपुर जिले के अनेक स्थानों से जैन श्रद्वालु भाग लेते हैं।
शिवपुरी- बसंत पंचमी एवं माघ मास दसलक्षण पर्व के पावन अवसर पर सैकडों वर्ष से चली आ रही परंपरा के अनुसार शिवपुरी के अति प्राचीन श्री चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर सदर बाजार से श्री पार्श्वनाथ भगवान को चांदी के रथ में विराजमान कर शहर के प्रमुख मार्गों से रथयात्रा निकाली गई। प्रात:काल जैन मन्दिर में सभी श्रद्वालुजनों ने पहले भगवान जी का अभिषेक पूजन किया इसके उपरांत भगवान जी को चांदी के रथ में विराजमान कर भगवान महावीर स्वामी मार्ग, महावीर स्वामी कीर्ति स्तंभ, कस्टम गेट होकर सदर बाजार स्थित श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मन्दिर जी के प्रांगण में लाकर रथयात्रा को थोड़ी देर के लिए विश्राम दिया गया। इसके उपरांत मन्दिर जी के प्रांगण में विध्यासागर पाठशाला के बच्चों द्वारा नशामुक्ति रोकने, बच्चों में संस्कार देने हेतु भक्ति गीत एवं आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के जीवन के ऊपर भी सुंदर भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया गया। तदुपरांत वार्षिक फुलमाल, पाठशाला एवं चार मुख्य पुजारियों का चयन यहाँ पर किया गया। सकल जैन समाज महापंचायत शिवपुरी के कार्यवाहक अध्यक्ष महेन्द्र जैन भैयन ने बताया कि इसके बाद जैन मन्दिर से रथयात्रा पुन: प्रारंभ हुई जो सदर बाजार, गांधी चौक, माधव चौक, पुराना प्राइवेट बस स्टैंड होकर के श्री आदिनाथ जिनालय शिवपुरी पर पहुंची, यहां पर श्री पार्श्वनाथ भगवान का चार कलाशों से अभिषेक किया गया एवं शांतिधारा करके पूजन का कार्यक्रम हुआ। पूजन कार्यक्रम के उपरांत सकल जैन समाज का वात्सल्य भोज भी श्री आदिनाथ जिनालय पर संपन्न हुआ। इसके उपरांत पुन: रथयात्रा धर्मशाला रोड़ होकर के श्रीचंद्रप्रभु जिनालय सदर बाजार पर वापिस पहुंची। जहां पर भगवान को वेदिका में विराजमान करके कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह परंपरा शिवपुरी में 100 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है बसंत पंचमी के अवसर पर जैन समाज द्वारा यह रथयात्रा का कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। जिसमें शिवपुरी जिले के साथ-साथ ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, दतिया, श्योपुर जिले के अनेक स्थानों से जैन श्रद्वालु भाग लेते हैं।
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