शहर के साथ-साथ पहली बार कायस्थ महासभा का विस्तार तहसील स्तर पर भी हुआ गठनशिवपुरी- अखिल भारतीय कायस्थ महासभा मध्य भारत के नवनियुक्त पदाधिकारियों की एक अति आवश्यक बैठक का आयोजन छत्री रोड स्थित जगन्नाथ रेस्टोरेंट में किया गया। बैठक का प्रारम्भ कायस्थ समाज के वरिष्ठ समाजसेवी एवं पूर्व जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ पी. के. खरे एवं कायस्थ महासभा के प्रदेश सचिव अशोक सक्सेना एवं रुपेश श्रीवास्तव द्वारा भगवान श्री चित्रगुप्त जी के समक्ष दीप प्रज्वल एवं माल्यार्पण कर किया गया।
इस अवसर पर सर्वप्रथम अखिल भारतीय कायस्थ महासभा शिवपुरी के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष अनुराग अस्थाना एवं जिला कार्यकारी अध्यक्ष रामस्वरुप श्रीवास्तव द्वारा बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों को भगवान श्री चित्रगुप्त जी नाम एवं चित्र से अलंकृत पतीका पहनाकर आत्मीय स्वागत किया गया। बैठक का संचालन कायस्थ महासभा के उपाध्यक्ष भूपेंद्र भटनागर ने किया जिसमें उन्होंने कायस्थ महासभा के सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों का परिचय दिया। इसके पश्चात अनुराग अस्थाना ने बैठक के मुख्य उद्देश्य एवं आगामी समय में कायस्थ महासभा किन-किन कार्यों को करने का लक्ष्य लेकर चलेगी, इस पर बिंदुबार विस्तार से व्याख्या की, साथ उन्होंने कहा कि शहर में पहली बार कायस्थ महासभा का विस्तार शिवपुरी शहर के साथ साथ तहसील स्तर पर किया गया है, इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने तहसील स्तर पर मनोनीत किए गए ब्लॉक अध्यक्ष, कार्यकारी अध्यक्ष एवं सचिव के नमो की घोषणा करते हुए उनका परिचय सभी उपस्थित पदाधिकारियों से करवाया।
बैठक में सर्वप्रथम कायस्थ महासभा के उपाध्यक्ष प्रो. गजेंद सक्सेना अपने उद्बोधन में कायस्थ समाज को समाज हित में संगठित होकर कार्य करने का सुझाव दिया। इसी क्रम में आईटीबीपी से हाल में ही असिस्टें कमाडेंट पद सेवानिवृत हुए एवं कायस्थ महासभा के नवनियुक्त उपाध्यक्ष देवीप्रसाद कुलश्रेष्ठ ने कहा कि चाहे समाज हो या सेना हो, जब तक संगठित और अनुशासन में रहकर आपसी सामंजस्य से के कार्य करेगी तभी वह सकारात्मक एवं देशहित में कार्य कर पाएंगी, इसके पश्चात वरिष्ठ समाजसेवी महेश श्रीवास्तव दयालु ने समाज के लोगों को समाज के अंतिम छोर तक रहने वाले समाज बंधुओ को मजबूती से समाज में जोडऩे पर बल दिया।
इस अवसर पर पोहरी ब्लॉक से पधारे ब्लॉक अध्यक्ष शिवकुमार श्रीवास्तव ने भी अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि कायस्थ समाज सदा से ही बुद्धिजीवी एवं जागरूक समाज रहा है जो हमेशा अन्य सभी समाजों में अपनी योग्यता और कार्यकुशलता के दम पर सर्वस्वीकार्य एवं सम्माननीय रहा है, उन्होंने कहा कि हमारे समाज में पूरे देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में अपने वैज्ञानिक प्रमाणिकता और आध्यामिकता की पहचान करवाई है।
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