मासूमों की जान से खिलवाड़ करने वाली सरकार के खिलाफ एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन, मंगलवार को पहुंचेंगें जनसुनवाईशिवपुरी- अभी कुछ दिनों पूर्व ही भाजपा की ही सत्ताराढ़ राजस्थान प्रदेश के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी और आज भी वर्तमान हालातों में यही स्थिति मप्र के भी अधिकांश शिवपुरी जिले के शासकीय स्कूलों में देखने को मिल जाऐंगें और यहां भी कभी दुर्घटना घटित हो सकती है, अधिकांश जर्जर स्कूलों में ना तो बेहतर छत है और ना ही सुरक्षा के संसाधन जिससे आए दिन बारिश के इस मौसम में सरकारी स्कूलों की छतों से पानी रिस रहा है, बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, सरकारी स्कूलों के शौचालय गंदगी से सने है और यहां खस्ताहाल भवनों में स्कूल चल रहे है,
असुरक्षा के भाव में शिक्षा ग्रहण करने वाले मासूमों की जान से खिलवाड़ मप्र में ना हो जाए इसे लेकर एनएसयूआई संपूर्ण प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन करेगी और जिला मुख्यालय शिवुपरी के 11 स्कूलों की शिकायत को लेकर मंगलवार को कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में यह शिकायत की जाएगी, इसके बाद भी यदि समस्याओं में सुधार ना हुआ तो कलेक्टे्रट का घेराव करते हुए एनएसयूआई पूरे प्रदेश भर में आन्दोलन करने को बाध्य होगी। मप्र सरकार की यह खिलाफत की एनएसयूआई पार्टी के जिलाध्यक्ष शांतनु सिंह कुशवाह ने जो स्थानीय छत्री स्थित अतिथि होटल में एनएसयूआई के अभियान 'सरकारी स्कूलों की पोल खोल अभियानÓ की जानकारी देते हुए प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर प्रेसवार्ता में एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शांतनू कुशवाह के साथ एनएसयूआई के शहर अध्यक्ष समीर खान सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। शांतनू कुशवाह ने बताया कि संगठन के प्रदेशाध्यक्ष आशुतोष चौकसे के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है।
जिले के सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल
इस अवसर पर सरकारी स्कूलों की बदहाल हालातों को लेकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शांतनु सिंह कुशवाह ने बताया कि अभी हमने जिले के 11 स्कूलों का निरीक्षण किया जहां स्थिति बेहद चिंताजनक नजर आई। 'सरकारी स्कूलों की पोल खोल अभियानÓ के तहत एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के 9 और पिछोर क्षेत्र के 2 स्कूलों का निरीक्षण किया। दौरे के दौरान स्कूलों की हालत अत्यंत खराब पाई गई। कई विद्यालयों की छतें जर्जर हैं, जिनसे बारिश का पानी टपकता है। कुछ स्कूलों में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही एनएसयूआई ने सदर बाजार, पुरानी शिवपुरी कन्या विद्यालय, मदकपुरा, सईसपुरा समेत अन्य स्कूलों का दौरा किया। यहां गंदे शौचालय, खस्ताहाल भवन और असुरक्षित कक्षाएं देखने को मिलीं। स्कूल प्राचार्यों ने बताया कि वे इस स्थिति की जानकारी विभाग को कई बार दे चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
जिले के सरकारी स्कूलों की हालत बदहाल
इस अवसर पर सरकारी स्कूलों की बदहाल हालातों को लेकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष शांतनु सिंह कुशवाह ने बताया कि अभी हमने जिले के 11 स्कूलों का निरीक्षण किया जहां स्थिति बेहद चिंताजनक नजर आई। 'सरकारी स्कूलों की पोल खोल अभियानÓ के तहत एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के 9 और पिछोर क्षेत्र के 2 स्कूलों का निरीक्षण किया। दौरे के दौरान स्कूलों की हालत अत्यंत खराब पाई गई। कई विद्यालयों की छतें जर्जर हैं, जिनसे बारिश का पानी टपकता है। कुछ स्कूलों में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही एनएसयूआई ने सदर बाजार, पुरानी शिवपुरी कन्या विद्यालय, मदकपुरा, सईसपुरा समेत अन्य स्कूलों का दौरा किया। यहां गंदे शौचालय, खस्ताहाल भवन और असुरक्षित कक्षाएं देखने को मिलीं। स्कूल प्राचार्यों ने बताया कि वे इस स्थिति की जानकारी विभाग को कई बार दे चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
No comments:
Post a Comment