शिवपुरी- सहकारी सोसायटी के माध्यम से कृषकों के बीच अपने सरल, सहज और मृदुभाषी व्यवहार के रूप में पहचाने वाले सेवानिवृत्त पं.महेशदत्त तिवारी का गत दिवस निधन हो गया। उनके निधन से जहां सहकारी सोसायटी के कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा तो वहीं नगरवासियों और शुभचिंतकों ने स्थानीय इंदिरा नगर स्थित निवास पर पहुंचकर स्व.पं.महेशदत्त तिवारी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बताना होगा कि सहकारी सोसायटी के माध्यम से अपने जीवन यापन करने वाले स्व.पं.महेश दत्त तिवारी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार पुत्रगण श्यामबल्लभ, कृष्णबल्लभ (राजू तिवारी), विनोद कुमार तिवारी, संजय कुमारी तिवारी सहित पौत्र-पौत्रियों को छोड़ गए और यहां अपने पिता के पदचिह्नों पर चलकर दो पुत्र कृष्णबल्लभ (राजू तिवारी), विनोद कुमार तिवारी भी वर्तमान में सहकारी सोसायटी में कार्यरत है और पिता के आदर्शों के अनुरूप किसानों के बीच उनकी अमिट पहचान को बनाए हुए है। दिवंगत पं.महेशदत्त तिवारी के निधन पर उनके शुभचिंतकों, नगरवासियों, विप्र बन्धुओं एवं कृषकों ने अपनी गहन शोक संवेदनाऐं व्यक्त की है और शोक संतृप्त को दु:ख की इस घड़ी में ईश्वर से धैर्यधारण करने की प्रार्थना की है।
शिवपुरी- सहकारी सोसायटी के माध्यम से कृषकों के बीच अपने सरल, सहज और मृदुभाषी व्यवहार के रूप में पहचाने वाले सेवानिवृत्त पं.महेशदत्त तिवारी का गत दिवस निधन हो गया। उनके निधन से जहां सहकारी सोसायटी के कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा तो वहीं नगरवासियों और शुभचिंतकों ने स्थानीय इंदिरा नगर स्थित निवास पर पहुंचकर स्व.पं.महेशदत्त तिवारी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बताना होगा कि सहकारी सोसायटी के माध्यम से अपने जीवन यापन करने वाले स्व.पं.महेश दत्त तिवारी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार पुत्रगण श्यामबल्लभ, कृष्णबल्लभ (राजू तिवारी), विनोद कुमार तिवारी, संजय कुमारी तिवारी सहित पौत्र-पौत्रियों को छोड़ गए और यहां अपने पिता के पदचिह्नों पर चलकर दो पुत्र कृष्णबल्लभ (राजू तिवारी), विनोद कुमार तिवारी भी वर्तमान में सहकारी सोसायटी में कार्यरत है और पिता के आदर्शों के अनुरूप किसानों के बीच उनकी अमिट पहचान को बनाए हुए है। दिवंगत पं.महेशदत्त तिवारी के निधन पर उनके शुभचिंतकों, नगरवासियों, विप्र बन्धुओं एवं कृषकों ने अपनी गहन शोक संवेदनाऐं व्यक्त की है और शोक संतृप्त को दु:ख की इस घड़ी में ईश्वर से धैर्यधारण करने की प्रार्थना की है।
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