सहरिया क्रांति ने की सख्त कार्यवाही की मांग
शिवपुरी। जिले की सुरवाया ग्राम पंचायत में उस समय हड़कंप मच गया जब महिला आदिवासी सरपंच संगीता आदिवासी को सुरवाया थाना के प्रधान आरक्षक मनीष सेन ने मोबाइल फोन पर अभद्र गालियां दीं और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जान से मारने की धमकी तक दे डाली। यह घटना 1 सितम्बर 2025 की रात 9:24 बजे की है, जिसने न केवल ग्रामीणों बल्कि पूरे सहरिया समाज को आक्रोशित कर दिया है। एक ओर पीडि़त सरपंच संगीता आदिवासी ने शिकायती आवेदन सौंपा तो वहीं सहरिया क्रांति सदस्यों ने भी पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है।
सरपंच संगीता आदिवासी ने आरोप लगाया है कि प्रधान आरक्षक मनीष सेन ने उन्हें फोन कर कहा कि थाने के पास खड़े गाय-भैंसों को तुरंत हटाओ, नहीं तो तेरी सरपंची एक दिन में हटा दूंगा। जब सरपंच ने कहा कि वह किसी को भेज देती हैं तो आरोपी आरक्षक ने उन्हें अपमानजनक भाषा में गालियां दीं और कहा, जब तुम सहरियों की औकात सरपंची की नहीं है तो बनते क्यों हो? स्थिति तब और बिगड़ गई जब सरपंच के पति दिलीप आदिवासी ने फोन लेकर शांति से समझाने का प्रयास किया। आरोप है कि इस पर प्रधान आरक्षक ने उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकी तक दे डाली। सहरिया क्रांति और आदिवासी समाज ने इसे प्रशासनिक मर्यादाओं की खुली धज्जियां बताते हुए मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, आईजी ग्वालियर, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग तक पूरे मामले की प्रतिलिपि भेजकर आरोपी प्रधान आरक्षक पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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