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Shishukunj

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Saturday, September 28, 2019

दु:खों से मुक्ति और परम सुख शांति का मार्ग प्रशस्त करता है ध्यान : स्वामी शांतानन्द

आर्य समाज मंदिर में ध्यान-कब, क्यों और कैसे का समापन आजशिवपुरी- मानव जीवन में सुख-दु:ख व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है लेकिन यदि आपको दु:ख में भी शंाति चाहिए और सुख की अनुभूति करना है तो आवश्यक ध्यान, वह ध्यान जो मानव जीवन का लक्ष्य समस्त दु:खों से छुटकारा भी दे और ईश्वरीय परम सुख शांति को प्रदान करे, ऐसा मार्ग केवल और केवल ध्यान से ही प्रशस्त हो सकता है, आर्य समाज हमेशा पौराणिक पद्वतियों को अपनाता है और वेदों के ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाकर यह बताता है कि मानव को भी वैदिक ज्ञान होना चाहिए ताकि वह योग, ध्यान, प्राणायाम के बारे में जान सके और वैदिक ज्ञान अर्जित कर अपना व मानव जाति का कल्याण कर सके। उक्त उद्गार प्रकट किए आर्य समाज से जुड़े स्वामी शांतानन्द जी ने जो स्थानीय आर्य समाज मंदिर में आयोजित पांच दिवसीय प्रारंभिक ध्यान प्रशिक्षण शिविर के चतुर्थ दिवस पर ध्यान की अन्य विधियों को वेदों के साथ जोड़कर धर्मोपदेश एवं ध्यान की क्रियाओं को बता रहे थे। स्वामी शांतानन्द जी ने बताया कि मनुष्य को यदि अपने जीवन का और दूसरों का कल्याण करना है तो यह बिना योग, ध्यान, भक्ति, भजन, हवन, सत्संग के संभव नहीं है केवल सांसारिक विषय सुखों के पीछे पड़कर ईश्वर का ध्यान भजन भक्ति को भुला देना व अगले जन्म में पशु पक्षी बन जाना बुद्धि मत्ता नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य को ऐसा काम करना चाहिए कि इस लोक में भी सुख शांति समृद्धि मिले तथा परलोक में भी सुख शांति आनंद मिले और इसका उपाय साधना, स्वाध्याय, सत्संग, सेवा, परोपकार आदि आध्यात्मिक कार्य ही है इसलिए हे मानव दूरदर्शी बन और अगले जन्म को भी देख, केवल यही एक प्रथम व अंतिम जीवन नहीं है। अत: इस जन्म को और परजन्म दोनों को श्रेष्ठ महान सुख मय बनाने के लिए उपरोक्त आध्यात्मिक कार्यौ को अपना कर  जीवन को सफल बना। आज पांच दिवसीय ध्यान-कब, क्यों और कैसे कार्यक्रम का आर्य समाज मंदिर में समापन है जहां प्रात: 8:00 बजे से हवन, यज्ञ होगा जबकि प्रात: 9 बजे से प्रवचन होकर यज्ञ एवं ध्यान की अन्य विधियों को बताकर नियमित ध्यान करने की कला सिखाई जाएगी। सभी आर्यजनों एवं धर्मप्रेमीजनों से आर्य समाज मंदिर में ध्यान कार्यक्रम के अंतिम दिवस पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर ध्यान को अपने जीवन में उतारने की विधियों को जानने के लिए प्राप्त करने हेतु आर्य समाज मंदिर आऐं और ध्यान मार्ग प्राप्त करें।

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