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Saturday, May 16, 2020

पीएम के आव्हान और यशोधरा राजे सिंधिया के प्रोत्साहन से छोटी सी तहसील बदरबास में हो रहा है पीपीई किट्स का निर्माण*


शिवपुरी में तैयार किटों को राजमाता विजयाराजे सिंधिया ट्रस्ट स्वास्थ्य पुलिस प्रशासन को कर चुका है वितरण

ट्रस्ट ने आज स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराईं 500 किट्स

शिवपुरी- कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती बस उसे थोड़ा सा प्रोत्साहन और सहयोग मिल जाए तो अपने देश में भी ऐसी अनेकों प्रतिभाएं भरी पड़ी है जो कुछ भी कर गुजरने का माद्दा रखती हैं। इसका जीता जागता उदाहरण शिवपुरी जिले के छोटी सी तहसील बदरबास में आसानी के साथ देखा जा सकता है। कोरोना जैसी महामारी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्बारा स्वदेशी अपनाए जाने के किए गए आव्हान और पूर्व कैबिनेट मंत्री व शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे सिंधिया के प्रोत्साहन पर सक्रिय हुई प्रतिभाओं ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। कोरोना काल के बीच जहां पीपीई किटों का आभाव देखने को मिल रहा था वहीं अब गुणवत्तायुक्त किटों का निर्माण भी शिवपुरी के कारीगरों द्बारा किया जा रहा है। बड़ी मात्रा में शिवपुरी में तैयार की गईं किटों को राजमाता विजयाराजे सिंधिया ट्रस्ट ने स्वास्थ्य महकमे को आज 500 किट्स उपलब्ध कराईं है जबकि अब से पूर्व अलाबा पुलिस प्रशासन 1 हजार किट्स ट्रस्ट द्बारा उपलब्ध कराईं गईं है।

जैकिट से हुए चर्चित अब बना रहे हैं पीपीई किट

शिवपुरी के बदरवास में पिछले लगभग चार दशक से गुढाल गारमेंटस की फर्म जैकेट बनाने का कार्य कर रही थी। इस फर्म की जैकिटों की प्रदेश के साथ-साथ देशभर में बिक्री है, पूर्व में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इनकी सराहना भी कर चुके हैं। वर्तमान में लॉक डाउन के चलते जैकेट का कारोबार पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। इस कारखाने में लगभग 1 हजार मजदूर कार्य करते थे जो कि बेरोजगार हो गए थे। 

इस मामले की जानकारी जब शिवपुरी विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को लगी तो उन्होंने गारमेंटस के संचालक धर्मेंद्र अग्रवाल (जोकि आरएसएस में जिला शिवपुरी के सह.जिला कार्यवाह के पद पर पदस्थ हैं) कविता मनोज अग्रवाल को प्रोत्साहित करते हुए उनसे कहा कि वह जैकिटों के स्थान पर कोरोना काल में पीपीई किटों का निर्माण करें। जिससे एक तो मजदूरों को रोजगार मिलेगा साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप स्वदेशी को बढ़ावा भी मिलेगा और पीपीई किटों का जो अभाव दिखाई दे रहा है वह भी खत्म हो जाएगा। गारमेंटस के संचालकों को यशोधरा राजे सिंधिया द्वारा किए गए प्रोत्साहन का असर यह देखने को मिला कि बाजार में जो पीपीई किट उपलब्ध हो रही है उनसे अच्छी गुणवत्ता युक्त किटें इस गारमेंटस के कर्ताधर्ता ने निर्माण कर दी। पीपीई किटों के अलावा मास्क सहित अन्य सामग्री भी इस गारमेंटस के द्वारा बनाई जा रहीं हैं।

सीएमएचओ से समझे मापदंड और तैयार कर दी पीपीई किट 

 पीपीई किट तैयार करने वाले गुढाल गारमेंट्स के संचालक धर्मेंद्र अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, बबीता अग्रवाल ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के द्वारा दिए गए प्रोत्साहन के बाद वह किट बनाने के लिए उत्साहित थे, जिसके चलते उन्होंने सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा से चर्चा कर किट बनाने के मापदंडों को समझा और इनका निर्माण कार्य शुरू कर दिया। उक्त जनों ने बताया कि  किट में  90 जीएसएम  कपड़े का उपयोग किया जा रहा है किट को पूरी तरह से टाइपिंग भी की जा रही है गूगल मास्क n95 मस्क सहित अन्य सामग्री भी पूर्ण रूप से गुणवत्ता युक्त और अच्छी बनाई जाकर वायरस फ्री किट तैयार की जा रही है जो कि बाजार में मिल रही किड से कई गुना अच्छी है।

प्रतिदिन दो सैकड़ा से अधिक किटों का कर रहे है निर्माण

गारमेंट्स के संचालक ने बताया कि वर्तमान में कारखाने पर 4 दर्जन से अधिक कारीगर लगे हुए हैं। जिनके द्वारा प्रतिदिन दो सैकड़ा से अधिक किटें तैयार की जा रही हैं। अभी तक 4500 किट तैयार की जा चुकी है।ऑर्डर अधिक आ रहे हैं। मिल रहे आर्डरों के आधार पर कारीगर और लेबर को बढ़ाकर हम प्रतिदिन 1 हजार किट भी तैयार कर सकते हैं।

आइए जानते हैं कि क्या होता है पीपीई किट

पीपीई किट यानी पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट्स, नाम से ही स्पष्ट है कि ऐसे सामान जिससे संक्रमण से खुद को बचाने में मदद मिले। कोरोना वायरस चूंकि संक्रामक बीमारी है इसलिए इससे बचने के लिए लोग मास्क पहन रहे हैं, बार-बार हाथ साफ कर रहे हैं, लोगों से दूरी बनाकर बात कर रहे हैं। कई लोग तो मास्क और दास्ताने का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और मेडिकल स्टाफ को सिर से पांव तक वायरस संक्रमण से बचाव के लिए कई तरह की चीजें पहननी होती हैं और ये सारी चीजें पीपीई किट्स हैं।

किट पहनने के बाद भी कई चिकित्सक हो चुके हैं संक्रमित

अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग तरह के पीपीई किट्स हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर मास्क, ग्लोव्स, गाउन, एप्रन, फेस प्रोटेक्टर, फेस शील्ड, स्पेशल हेलमेट, रेस्पिरेटर्स, आई प्रोटेक्टर, गोगल्स, हेड कवर, शू कवर, रबर बूट्स इसमें गिने जा सकते हैं। इनमें से बहुत कुछ पहने डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ हम-आप आए दिन देखते रहते हैं। इन सारी चीजों का मकसद एक ही है- मरीज से वायरस इलाज कर रहे लोगों में ना फैल जाए। हालांकि हमने दिल्ली समेत पूरे देश में देखा है कि कोरोना मरीजों का इलाज करते-करते कई डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ खुद कोरोना के मरीज बन गए हैं। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि इन लोगों में संक्रमण कैसे फैला- इलाज के दौरान पीपीई किट का इस्तेमाल नहीं हुआ या पीपीई किट पहनने के बाद भी कोरोना वायरस ने संक्रमित कर लिया।

उपयोग के बाद कचरे में फेंके किट जिससे न फैल सके संक्रमण

पीपीई किट में जितने भी तरह के सामान आते हैं, सबके इस्तेमाल करने के नियम और तौर-तरीके हैं। हर सामान को पहनने का सही तरीका है। ऐसा नहीं हो तो पहनने के बाद भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को इस्तेमाल से पहने ये देखना होता है कि किस तरह के पीपीई किट की जरूरत है। फिर उसे कैसे सही तरीके से पहनना है, एडजस्ट करना है, ये भी देखना होता है। इस्तेमाल के बाद पीपीई किट को सही तरह से कचरे में फेंकना ताकि उससे आगे किसी को संक्रमण ना हो, इसका बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है।

किट्स की न आए कमी इसलिए पीएम दे चुके है निर्देश

देश में पीपीई किट पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। सोशल मीडिया पर सरकारी प्रयासों से नाखुश लोग कहते हुए मिल जाएंगे कि इस काम के बदले अगर सरकार पीपीई किट्स खरीद लेती तो ज्यादा अच्छा होता। काफी लोग सरकार चला रहे बड़े नेताओं से सुनना चाहते हैं कि देश में पीपीई किट्स के इंतजाम का क्या हाल है क्योंकि कई जगहों से डॉक्टरों ने पीपीई किट्स की कमी की शिकायत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कोरोना पर बनाए 10 ग्रुप और 1 टास्क फोर्स के प्रमुखों से बैठक में साफ-साफ कहा कि देश में पीपीई बनाने, पहुंचाने और उसे मेडिकल स्टाफ को मुहैया कराने में कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।

इनका कहना है

कोरोना महामारी के कारण हमारा जैकेट बनाने का काम पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ था। कारीगर लेबर लगभग 1 हजार से अधिक का स्टाफ बेरोजगार हो गया था। इसी बीच पूर्व खेल मंत्री श्रीमंत महाराज साहब का संदेश मिला उन्होंने पीपीई किट्स बनाने के लिए हमें प्रोत्साहित किया, जिसके परिणाम स्वरूप आज हमारे द्वारा पीपीई किड्स तैयार की जा रहीं है,जिसके शिवपुरी सहित अन्य जिलों से भी हमारे पास आर्डर आ रहे हैं।

मनोज अग्रवाल,बबीता अग्रवाल

धर्मेंद्र अग्रवाल
सह.जिला कार्यवाह आरएसएस शिवपुरी एवं संचालक गुढाल गारमेंट्स बदरबास,शिवपुरी 

इनका कहना है 

देश के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के द्वारा स्वदेशी को बढ़ावा देने का आव्हान किया गया है। शिवपुरी के बदरवास में जैकेट बनाने का बड़ा कारोबार चल रहा था जो कि लॉक डाउन के कारण बंद हो चुका था। यह मामला मेरी जानकारी में आया तो मैंने गुढाल गारमेंट्स के धर्मेंद्र अग्रवाल, मनोज,कबीता अग्रवाल से चर्चा की और उन्हें पीपीई किट्स तैयार करने के लिए कहा था। उनके द्वारा जो किट्स तैयार किए गए हैं वह गुणवत्तायुक्त है,साथ ही प्रधानमंत्री की मंशा अनुसार इससे स्वदेशी को बढ़ावा और कई लोगों को रोजगार मिलने के अलाबा पीपीई किट्स की जो कमी देखने में आ रही थी वह भी दूर होगी।

यशोधरा राजे सिंधिया
पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक शिवपुरी 

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