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Wednesday, September 16, 2020

राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बड़ौदी में पोषण प्रदर्शनी लगाई गई एवं सहजन के पौधे वितरित


राष्ट्रीय पोषण माह में कुपोषण को रोकने हेतु पोषण बाटिका हर घर में अवश्य लगाए:- डा. एम.के. भार्गव

हमारी सोच में बदलाब हमारी तकदीर बदल सकती हैं  डा पुष्पेन्द्र सिंह कृष् िवैज्ञानिक केन्द्र शिवपुरी

शिवपुरी । राष्ट्रीय पोषण माह के तहत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बड़ौदी स्थित आंगनवाड़ी केन्द्र पर अनोखे तरीके से पोषण प्रदर्शनी लगायी गई जिसमे कि किशोरी बालिकाओं , गर्भवती एवं धात्री माताओं को पर्याप्त  पोषण के लिए क्या क्या आहार एवं भोज्य पदार्थ दैनिक आहार में सम्मिलित होना चाहिए यह प्रदर्शित किया कार्यक्रम का आयोजन सोसल डिस्टेंिसग का पालन करते हुए महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी, कृषि विज्ञाान केन्द्र शिवपुरी एवं  स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी द्वारा संयुक्त रुप से किया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केन्द्र के  वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एम.के. भार्गव तथा विशिष्ट अतिथि डा. पुष्पेन्द्र सिंह कृषि विज्ञान शिवपुरी थे कार्यक्रम में डा भार्गव ने सर्वप्रथम पोषण प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं सभी पोषक भोज्य पदार्थो का मिश्रण देकर प्रसन्नता जाहीर की एवं उन्होने उपस्थित गर्भवती माताओं एवं धात्री महिलााओं को पोषण वाटिका का महत्व कि अगर हर घर में पोषण वाटिका हो जो कि बहुत कम कीमत पर लगाई जा सकती है 

चूंकि सहजन में सवसे अधिक आयरन , कैल्शियम , प्रोटीन सहित अनेक पोषक तत्व होते है इसके साथ बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को सहजन के फूल का सेवन करने से दूध अधिक मात्रा में बनता है जो कि शिशु के लिए अमृत हैं इसीलिए इसे रामबाण भी कहा जाता है इसके साथ कोरोना संक्रमण में अगर महिलाओं को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है तो सहजन का प्रयोग करें। इसके साथ डा भार्गव ने कुपोषित बच्चों के घर जाकर उन्नत किस्म के अमरुद एवं सहजन के पौधे दिए एवं वैज्ञानिक तरीके से कैसे पोषण वाटिका को तैयार कर सकते है इसके बारे में जानकारी प्रदान की। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा पुष्पेन्द्र ंिसह ने किशोरी बालिकाओं को अनिमिया पर समझाईश देते हुए बताया कि हमारी सोच में बदलाव से हमारी तकदीर बदल सकती है क्योकि हमारी किशोरी बालिका आगे जाकर सृष्टिदायिनी बनती हैं तो इनको अपने पोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

 कार्यक्रम में सुपोषण सखी श्रीमती ज्योति जाटव एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रजनी सेन ने बताया कि हम प्रतिदिन कुपोषित बच्चों को उनके घर पर टेक होम राशन से बना पौष्टिक खिचड़ी, दलिया, सोयावीन की वर्फी एवं हलवा खिला रहे है तथा साफ सफाई एवं सहजन की पत्ते को इसमें मिलाकर कुपोषित बच्चों को दे रहे है इससे बच्चों के पोषण स्तर पर काफी सुधार हो रहा है। कार्यक्रम में ंसयोजक रवि गोयल ने कहा कि     हम कृषि विज्ञान के डा भार्गव के आभारी है जो कि उन्होने पोषण माह में किशोरी एव गर्भवती माताओं को पौष्टिक भोज्य पदार्थ एवं पोषण वाटिका के  बारे में जानकारी देने के लिए अपना अमूल्य समय निकाला हम आगे भी आपके सहयोग की अपेक्षा रहेगी। कार्यक्रम कार्यक्रम में कृषि विज्ञाान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 एम0के0 भार्गव, डा पुष्पेन्द्र सिंह, स्वंय सेवी संस्था के रवि गोयल एवं उनकी पूरी टीम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रजनी सैन, आंगनवाड़ी सहायिका रानी जाटव , सुपोषण सखी  श्रीमती ज्योति जाटव, आसपाती ओझा तथा श्रीमती पम्मी जाटव के साथ गर्भवती , धात्री एवं किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया।
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