सागर। न्यायालय- श्रीमती वंदना त्रिपाठी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रहली जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी अन्नू उर्फ अनिल पिता विजय कुमार नायक का प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी लोकेश दुवे, रहली ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है दिनांक 12.09.2020 को मुखविर से प्राप्त सूचना के आधार पर थाना रहली ने सुभाष चौक रहली में आरोपी अन्नू उर्फ अनिल को एक अवैध लोहे का धारदार बका लेकर घूमते पाया। उक्त बका के संबंध में आरोपी के पास कोई लाइसेंस नही होना पाया गया। उक्त आधार पर थाना रहली में अंतर्गत धारा 25(1)बी आयुध अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी अन्नू उर्फ अनिल का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 437 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
बलात्संग करने वाले आरोपी का जमानत आवेदन निरस्त
सागर। न्यायालय- श्रीमान अनिल चौहान अपर सत्र न्यायाधीश, बीना जिला सागर के न्यायालय ने आरोपी जगदीश कुशवाहा पिता रामदयाल कुशवाहा उम्र 21 साल निवासी ग्राम आगासौद तहसील बीना जिला सागरका प्रस्तुत जमानत आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी दिनेश कुमार मालवीय, बीना ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 13.07.2020 को रात 03 बजे अपने घर पर अपने परिवार के साथ सो रही थी तभी आरोपी जगदीश का उसकी मॉ के फोन पर फोन आया जो फरियादिया ने उठाया। आरोपी ने फरियादिया को घर से बाहर बुलाया किन्तु फरियादिया ने मना कर दिया तो आरोपी ने उसके भाई को जान से मारने की धमकी दी। फरियादिया डर कर घर से बाहर आ गयी आरोपी जगदीश कुशवाहा फरियादिया को उसके घर के पीछे ले गया और जबरजस्ती गलत काम करने लगा और धमकी दी की अगर किसी को बताया तो उसकी घर के सभी सदस्यों को जान से खत्म करवा देगा।
पीडिता घर आ गयी और उसने पूरी घटना अपनी मॉ को बतायी। फरियादिया ने अपनी मॉ के साथ थाना में उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करायी। उक्त रिपोर्ट पर प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रªेट प्रथम श्रेणी बीना में पेश किया गया था। जहा आरोपी का आवेदन पूर्व में ही खारिज कर दिया गया था। आरोपी के अधिवक्ता ने पुनः जमानत आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन ने जमानत आवेदन का विरोध करते हुए महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी जगदीश कुशवाहा का प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।
सागौन का अवैध परिवहन करने वाली मोटरसाइकिल का सुपुर्दनामा निरस्त
सागर। न्यायालय- श्रीमान रविन्द्र कुमार धुर्वे प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, देवरी जिला सागर के न्यायालय ने सुपुर्ददार चंदन आदिवासी की हीरो स्प्लेंडर मोटरसाइकिल क्र एम.पी. 15 एम क्यू. 4262 का प्रस्तुत सुपुर्दनामा आवेदन निरस्त करने का आदेश दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर राज्य शासन की ओर से सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी मनोज नायक ने शासन का पक्ष रखा।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है दिनांक 03.08.2020 को आरोपीगण द्वारा हीरो स्प्लेंडर मोटरसाइकिल क्र एम.पी. 15 एम क्यू. 4262 में शासकीय वनोपज सागौन की इमारती लकडी का अवैध परिवहन किया जा रहा था। वन विभाग के अधिकारी द्वारा जांच करने पर लकडी का परिवहन अवैध रूप से पाए जाने पर आरोपीगण से ग्राम धवई के पास मोटरसाइकिल जप्त की गयी। घटना में प्रयुक्त वाहन के रजिस्टर्ड स्वामी चंदन आदिवासी द्वारा सुपुर्दनामा आवेदन अंतर्गत धारा 457 दंप्रसं माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने सुपुर्दनामा आवेदन का विरोध करते हुए महत्वपूर्ण तर्क प्रस्तुत किये। न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर हीरो स्प्लेंडर मोटरसाइकिल क्र एम.पी. 15 एम क्यू. 4262 का प्रस्तुत सुपुर्दनामा हेतु धारा 457 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।

No comments:
Post a Comment