वीरेन्द्र शर्मा विलेज टाईम्स समाचार सेवा
यूं तो एक वर्ष तक गुणवत्तापूर्ण सड़क का सुख ना उठा पाने वाले इस बात से अधिक परेशान थे कि एनएचएआई द्वारा निर्मित मप्र शिवपुरी वायपास की गुणवत्तापूर्ण सड़क के उद्घाटन से पूर्व ही परखच्चे उड़ चुके थे जिसमें पुल-पुलियों सहित सड़क के परखच्चे उड़ जाना एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर अपने आप में एक सवाल था मगर सवाल करे तो करे कौन? दिल्ली से संचालित एनएचएआई के नाम पर एक यूनिट के भरोसे निर्माणाधीन हजारों करोड़ की गुणवत्तापूर्ण सड़कें भी क्या ऐसी होती है अगर इसका उदाहरण किसी को देखना हो तो वह ग्वालियर से गुना तक निर्मित एनएचएआई की आगरा-मुम्बई फोरलेन मार्ग को अवश्य देखने आए। जहां पूरी सड़क का गुणवत्तापूर्ण निर्माण होने से पूर्व ही टोलटैक्सों पर वसूली अभियान जारी कर दिया गया है जो आम नागरिक के साथ छल नहीं तो और क्या, बहरहाल नया वायपास शिवपुरी में भले ही पुर्ननिर्माण के माध्यम से शुरू हो चुका हो कितने दिन यह भी हैवी टै्रफिक को झेल सकेगा यह देखने वाली बात होगी। जिसके चलते शिवपुरी शहर में निर्माणाधीन थीम रोड़ तक को कई महीनों का सफर तय कर पूरे प्रोजेक्ट को देरी से शुरू होना पड़ा।
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