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Monday, March 22, 2021

विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में ग्रामीणो ने की श्रम दान के माध्यम से आओ बचाएं पानी मुहिम की शुरुआत


शक्तिशाली महिला संगठन की अपील का हुआ असर आओ बचाए पानी मुहिम मे सभी ने श्रम दान के द्वारा जल सरंक्षण का दिया सन्देश

शिवपुरी। एक समय था जब हर जगह कुएं, तालाब, नहर और नदियां दिखाई देती थीं। लेकिन अब पानी का स्तर धीरे.धीरे कम होता जा रहा है, जिससे दुनियाभर में जल संकट गहराता जा रहा है। दुनियाभर के लोगों को पानी के महत्व को समझाने और स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर शक्तिशाली महिला संगठन शिवपुरी के द्वारा आदिवासी बाहुल्य ग्राम चिटोरी खुर्द में आओं बचाए पानी मुहिम के तहत वर्षा जल के संचय के लिए किसानों के खेतो में वर्षा जल को सरंक्षित रखने के लिए जल सरंचानाओं को श्रम दान के माध्यम से बनाने के अभियान  का आगाज आज विश्व जल दिवस के अवसर पर चिटोरीखुर्द , वांसखेड़ी, विनेगा, सुरवाया एवं दादौल से  किया। यह अभियान संस्था द्वारा गोद लिए इन्ही पांच गांवो  में चलाया जाएगा। ।

 इस अभियान का नारा होगा.आओं बचाए पानी क्योकि जल है तो कल है। कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक रवि गोयल ने बताया कि विश्व जल दिवस मनाने की शुरुआत साल 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में पर्यावरण और विकास मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से एक सम्मेलन आयोजित किया गया था और उसी दौरान विश्व जल दिवस मनाने की पहल की गई थी। इसके बाद साल 1993 में पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया था । जिसके बाद से हर साल 22 मार्च को यह दिवस मनाया जाता है। हर साल विश्व जल दिवस की एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल की थीम वैल्यूइंग वॉटर है। इसका लक्ष्य लोगों को पानी के महत्व को समझाना है। हर साल विश्व जल दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं इसी क्रम में संस्था द्वारा आज आओं बचाए पानी मुहिम की शुरुआत की जिसमें कि उनको काफी सकारात्मक सहयोग मिला ग्रामीणो का। 

कार्यकम में चिटोरीखुर्द की किशोरी बालिकाओं ने , ग्रामीणो ने न्यूट्रीशन चैम्पियन ललिता यादव , सोनम शर्मा ने इस मुहिम का नेतृत्व किया एवं आगे भी गावों में अन्य किसानों के खेत पर ऐसी जल सरंचनाऐ बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में ग्रामीणों  ने  एक किसान पप्पन यादव के खेत पर वर्षा का जल एवं नाली से बहने वाला जल को बचाने के लिए खेत में श्रम दान के द्वारा छः फुट चैड़ा पांच फिट गहरा एं 5 फिट लंबी जल संरचना निर्मित की जिससे कि जल की एक एक बूंद को बापिस धरती में मिले और जल स्तर बढ़े एवं पानी की समस्या से निजात मिले।  कार्यक्रम में रवि गोयल ने ग्रामीणो को बहते पानी को इसी प्रकार जल सरंचाए निर्मित कर चाहे वह हैण्डपंप हो या अन्य पीने के पानी की जगह जहां पानी बहुत बहता है उसके आस पास निर्मित करने के लिए गांव वालों को जागरुक किया  क्योकि जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है। 

 हम सब जानते हैं हमारे लिए जल कितना महत्वपूर्ण है लेकिन यह सब बातें हम तब भूल जाते हैं जब अपनी टंकी के सामने मुंह धोते हुए पानी को बर्बाद करते रहते हैं और तब जब हम कई लीटर मूल्यवान पानी अपनी कीमती कार को नहलाने में बर्बाद कर देते हैं। किताबी दुनिया और किताबी ज्ञान को हममें से बहुत कम ही असल जिंदगी में उतार पाते हैं और इसी का नतीजा है कि आज भारत और विश्व के सामने पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कार्यक्रम में श्रम दान करने वालों में साहब सिह धाकड़, राकेश कुमार राजे, सोनम शर्मा, ललिता यादव, पीतम यादव, हेतलमा , पिस्ता , प्रीतम, खुशबू  एवं गांव की महिलाओं एवं पुरुषों ने महत्वपूर्ण भागीदारी की

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