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𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Friday, August 13, 2021

आवारा घुम रहे मगरमच्छ की अब बैंक कॉलोनी में दिखी चहलकदमी

 


मध्यदेशीय अग्रवाल समाज अध्यक्ष के निवास पर घुसा मगरमच्छ, वन विभाग की टीम ने रेस्कयू कर पकड़ा

शिवपुरी- शहर में इन दिनों बारिश के चलते अब रोड़ों के बाद कॉलोनियों में भी आए दिन मगरमच्छ सामने आने लगे है। यही कारण है कि एक ओर जहां जाधवसागर के नजदीक घरों में आरामगाह बनाकर सामने दिखने वाले मगरमच्छ अब कॉलोनीयों में भी सामने आने लगे है। शुक्रवार को अलसुबह शहर की बैंक कॉलोनी में भी एक 4 फिट का मगरमच्छ एकाएक घर में उस समय घुस आया जब परिजन आराम से कमरे में सो रहे थे तभी बिजली सुधार का कार्य करने वाले आए कर्मचारियों और स्थानीय पड़ौसियों ने घर में मगरमच्छ घुसने की जानकारी दी जिस पर घर में अफरा-तफरी मच गई और हालात यह बने कि जिस घर में मगरमच्छ घुसा था वह शहर के संभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखने वाले मध्यदेशीय अग्रवाल समाज के अध्यक्ष गौरव सिंघल का निवास था।  þहालांकि यहां मगरमच्छ होने की जानकारी लगते ही गौरव सिंघल के द्वारा तत्काल वन विभाग, पुलिस कंट्रोल रूम आदि को जानकारी दी गई लेकिन हालात यह बने कि अलसुबह करीब 5 बजे किसी ने उनका फोन तक उठाना उचित नहीं समझा, बमुश्किल गौरव सिंघल के द्वारा अपने मिलने वालों को फोन लगाने पड़े और इन्हीं मिलने वालों की मदद से वन विभाग की टीम घटना के करीब एक घंटे बाद आई और कार के नीचे घुसे हुए मगरमच्छ का रेस्क्यू कर उसे अपने साथ ले गई तब कहीं जाकर सिंघल परिवार की जान में जान आई अन्यथा हालात बिगड़े और परेशान करने ही वाले थे कि उन्हें पड़ौसियों और बिजली सुधार कार्य करने वालों ने घर में मगरमच्छ घुसने की जानकारी दी और जब श्री सिंघल ने मगरमच्छ पकडऩे वाले वन अमले और आमजन की सहायता को लेकर तत्पर रहने वाले पुलिस कंट्रोल रूम को फोन लगाया तो किसी ने उनका फोन नहीं उठाया। इन हालातों में एक बड़ा सवाल अब यह उठ रहा है कि यदि इस बीच कोई बड़ी घटना घट जाती तो इसके लिए जिम्मेदार कौन होता? यदि वन विभाग और पुलिस कंट्रोल रूम की बात करें तो कम कम से लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिए वर्तमान समय में सापं, बिच्छू और मगरमगच्छ जैसे जीव जन्तु सामने आने पर ही तत्काल सूचना मिलने पर कार्यवाही की जाए तो किसी  बड़ी घटना से बचा जा सकता है। इस घटना से सबंधित विभागों को यह सीख लेने की आवश्यकता है। देखना होगा कि अब यदि इस तरह की कोई घटना सामने आती है तो वन अमला और पुलिस कंट्रोल रूम क्या बखूबी अपनी इन जिम्मेदारियों को निभा पाएगा?

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