डेढ़ हजार जरूरतमंद और आदिवासी भाइयों को ससम्मान बांटे जाएंगे नए कंबल और कराया जाएगा भोजनशिवपुरी। मां जानकी सेना संगठन का राष्ट्रीय सामूहिक सेवा महाधिवेशन आज 1 जनवरी शनिवार को एमबीआर पार्किंग पडोरा पर होने जा रहा है जिसमें देश के अलग-अलग जगह से साधु संतों के अलावा कई विद्वान जनों और मुंबई, दिल्ली, भोपाल, मथुरा, वृंदावन, दतिया और गुना के अलावा कई जिलों के सैकड़ों सदस्यगण आएंगे। मां जानकी सेना संगठन द्वारा इस भव्य कार्यक्रम की तैयारियों पिछले कई दिनों से लगातार जारी है सोशल साइट के माध्यम से और सभी तरह के प्रचार माध्यमों का उपयोग इस कार्यक्रम के लिए किया जा रहा है। 1 जनवरी को होने वाले महाधिवेशन के दौरान ही डेढ़ हजार जरूरतमंद लोगों को ठंड से बचने के लिए नए कंबल ससम्मान वितरित किए जाएंगे। मां जानकी सेवा संगठन द्वारा यह अनवरत सातवा ससम्मान गर्म वस्त्र वितरण कार्यक्रम है जिनकी खरीदारी मां जानकी सेना संगठन के द्वारा कर ली गई है। कंबल वितरण के साथ ही सभी को भोजन पैकेट की व्यवस्था भी मां जानकी सेना संगठन द्वारा की गई है। मां जानकी सेना संगठन के सामूहिक सहयोग से यह वृहद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
संगठन की वार्षिक कार्यकारिणी बैठक का होगा आयोजन
मां जानकी सेना संगठन द्वारा गत वर्ष की समीक्षा करने के साथ ही जो कमियां पाई जाएंगी उन पर विचार किया जाएगा और आने वाले वर्ष में होने वाले कार्यों के लिए एक वृहद स्तर की वार्षिक कार्यकारिणी बैठक का आयोजन भी किया जा रहा है। इस बार के कार्यकारिणी बैठक में मुंबई दिल्ली मथुरा वृंदावन भोपाल गुना सहित शिवपुरी के कार्यकारिणी सदस्य गण शामिल होंगे और आने वाले वर्ष की संगठन को लेकर रणनीति तैयार की जाएगीए जिसमें सभी के सुझावो पर सलाह मशवरा किया जाएगा।
राष्ट्रीय महा अभियान सुंदरकांड का 396 वां भव्य आयोजन
मां जानकी सेना संगठन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सामूहिक सेवा महा अधिवेशन कार्यक्रम से ठीक पहले 396वां भव्य सुंदरकांड का आयोजन किया जा रहा है। इस बार सुंदरकांड के आयोजक जानकी सेना संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रम सिंह रावत एवं श्रीमती रक्षा रावत हैं। आपको बता दें कि मां जानकी सेना संगठन द्वारा पिछले 7 वर्षों से लगातार सुंदरकांड का आयोजन हर शनिवार को किया जाता है यहां तक कि कोरोनाकाल में शासन प्रशासन द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में भी यह सिलसिला बंद नहीं किया गया और घर.घर श्रृंखला के माध्यम से यह सिलसिला जारी रहा।
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