राज्य कर्मचारी संघ ने शिक्षा की दुर्दशा को लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र को ठहराया दोषी, कहा खत्म हो डीपीसी, बीआरसीसी पदशिवपुरी-अध्यापकों शिक्षकों को 40 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम देने पर शिक्षकों की पात्रता पारीक्षा कराना कहां का न्याय है यदि इसके लिए जिम्मेदार और जबाबदेह है तो वह राज्य शिक्षा केन्द्र जिसके द्वारा डीपीसी, बीआरसीसी जैसी व्यवस्थाऐं बना दी गई है, राज्य कर्मचारी संघ इस तरह की पात्रता परीक्षा का विरोध करता है और हम इस परीक्षा का बहिष्कार करते है। यह बात कही राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह रघुवंाी ने जिन्होंने शिक्षा की दुर्दशा को लेकर शिक्षकों पर जिम्मेदारी डालने के बजाए राज्य शिक्षा केन्द्र को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया और शिक्षकों की परीक्षा का पुरजोर विरोध किया।
राज्य कर्मचारी संघ जिला शिवपुरी के अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि आज शिक्षा की दुर्दशा के लिये राज्य शिक्षा केन्द्र,डीपीसी,बीआरसीसी, व्यवस्था जिम्मेदार है। इस तरह के आदेश की सभी शिक्षकों को निंदा करनी चाहिए। सबसे पहले यह जानना चाहिए था कि किन कारणों से परिणाम खराब आया। शिक्षक के ऊपर कार्यवाही निंदनीय एवं चिंतनीय है। राज्य शिक्षा केंद जब तक खत्म नही होगा गुडवत्ता शून्य ही रहेगी। राज्य शिक्षा केंद्र पैसा बर्बादी का केंद है।
मप्र में मिशन के आने के बाद गुणवत्ता पूरी तरह से खत्म हो गई। डीपीसी, बीआरसीसी व्यवस्था को बंद कर जिला सेंट्रलाइज व्यवस्था केवल एक कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय व्यवस्था लागू नही होगी तब तक शैक्षणिक व्यवस्था लगातार खराब होगी। मिशन में अधिकारी सिर्फ रिवॉर्ड के लिये नहीं है यदि शिक्षक को दंड मिल रहा है तो डीपीसी को सेवा से पृथक ,बीआरसीसी को सेवा से पृथक, डीपीसी कार्यालय एवं बीआरसीसी कार्यलय में पदस्थ एपीसी, बीएसी एवं आदरणीय बड़े साहब सीएसी पर सेवा से पृथक होने की कार्यवाही होनी चाहिये। इतने सारे पहरेदार लगाने के बाद भी चोरी हो जाती है आखिर चोरी में यह लोग भी शामिल है। इसलिए राज्य कर्मचारी संघ इस तरह की परीक्षा का विरोध करता है और बहिष्कार भी करेंगें।
No comments:
Post a Comment