---------------------------------News Website By 𝐑𝐚𝐣𝐮 𝐘𝐚𝐝𝐚𝐯--------------------------------

𝙎𝙝𝙞𝙫𝙥𝙪𝙧𝙞 𝙆𝙝𝙖𝙗𝙖𝙧

Tuesday, August 9, 2022

पांच साल से कम उम्र में मरने वाले बच्चों की मृत्यु का प्रमुख कारण दस्तक है : रवि गोयल


बच्चों में दस्तम और उल्टी की किफायती दवा है ओआरएस, बनाने का तरीका समुदाय को समझाया

शिवपुरी। बरसात के मौसम में उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है इसीलिए शक्तिशाली महिला संगठन ने महिला बाल विकास विभाग के साथ मिलकर आगनवाड़ी केंद्र मनियर पर सुपोषण सखी कमलेश जाटव के द्धारा समुदाय के लोगो को खासकर 5 वर्ष तक के बच्चों की माताओं को ओआरएस घोल बनाने की प्रकिया को बड़े ही सरल ढंग से अभ्यास कराकर सिखाया।

शक्तिशाली महिला संगठन के संयोजक रवि गोयल ने बताया कि बच्चोंक को दस्तप और उल्टील होने पर साफ पानी में ओआरएस मिलाकर दिया जा सकता है। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। दस्त की शुरुआत से ही बच्चेा को ओआरएस देना शुरू कर देना चाहिए। यह घोल पीने के कुछ मिनटों के अंदर ही काम करना शुरू कर देता है। ओआरएस से आंतें सोडियम के साथ ग्लू कोज और पानी को अवशोषित कर लेती हैं जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है। आप डॉक्ट र की सलाह के बिना भी बच्चों को यह घोल दे सकते हैं। बच्चों के साथ-साथ हर उम्र के लोग ओआरएस घोल पी सकते हैं। 

ओआरएस का पैकेट आपको हर स्वास्थ एवम आगनवाड़ी केंद्र पर निशुल्क मिल जाता है लेकिन अगर घर पर ओआरएस का पैकेट नहीं है तो आप खुद भी इसे बना सकती हैं, इसमें आपको बस एक लीटर साफ पानी लें और उसमें 30 ग्राम या 6 चम्मसच चीनी और आधा चम्मपच नमक डालें। अब इस मिश्रण को एक बोतल में भर लें और अच्छीे तरह से शेक करें। बच्चे को घूंट-घूंटकर यह मिश्रण दें। व्यस्कों को दस्त और उल्टी होने पर ज्याीदा से ज्याहदा ओआरएस का सेवन करना चाहिए जबकि दो साल तक के बच्चोंं को दस्तत होने पर हर बार मल आने के बाद 60 से 125 मि.ली ओआरएस लेना चाहिए। दो साल से अधिक उम्र के बच्चोंं में यह मात्रा 250 मि.ली है। 

ऐसा करके हम डायरिया से होने वाली अकाल मौतों को रोक सकते है इसीलिए शक्ति शाली महिला संगठन की सुपोषण सखियां आगनवाड़ी एवम आशा कार्यकर्ताओ को साथ मिलकर समुदाय स्तर पर बच्चो की माताओं को एवम किशोरी बालिकाओ को ये सिखा रही है आज मनियर आगनवाड़ी केंद्र पर बच्चों की माताओं आगनवाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा राठौर, सुपोषण सखियां के साथ आशा कारकर्ताओं ने सहयोग प्रदान किया।

No comments: